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वर्क फ्रॉम होम में कंपनियां जासूसी करवा रहीं, सेहत की फिक्र के बहाने बॉस भी पता लगा रहे कि साथी काम कर भी रहे या नहीं इंग्लैंड में कई कंपनियां जासूसी करवा रही हैं। यह पता लगाने के लिए कि ‘वर्क फ्राॅम होम’ के तहत कर्मचारी काम कर भी रहे हैं या नहीं। सिर्फ कंपनियां ही नहीं, बॉस और सुपरवाइजर भी अपनी टीम के सदस्यों की यह कहते हुए जासूसी करवा रहे हैं कि उन्हें कोरोना संक्रमण के दौरान टीम के सदस्यों की चिंता सता रही है। इंग्लैंड के मैनचेस्टर शहर के एक प्राइवेट जासूस ने बताया कि जिस तरीके का काम उन्हें कोविड संक्रमण के दौरान मिल रहा है, वैसा लॉकडाउन से पहले कभी नहीं मिला। लाॅकडाउन के दौरान उनकी सेवाओं की मांग में खासी बढ़ोतरी हुई है। हमें कंपनियाें से डिमांड आती है कि हम जांच कर बताएं कि उनके कर्मचारी वास्तव में घर से काम कर रहे हैं और घर के बाहर तो नहीं जा रहे। विशेषज्ञों का मानना है कि अकाउंटेंसी और लॉ फर्म सबसे ज्यादा संख्या में जासूस नियुक्त कर रहे हैं। वे यह पता करवाना चाहते हैं कि कहीं उनके कर्मचारी कोराेना की आड़ में झूठ बोलकर घर पर बैठ तो नहीं रहे हैं। कुछ कंपनियों ने तो यहां तक दावा किया है कि कर्मचारियों की देखभाल करना उनका कर्तव्य है। पर वे यह जानने का अधिकार रखते हैं कि उनके कर्मचारी आइसोलेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर भी रहे हैं या नहीं। कई कंपनियों ने टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर ऐसी व्यवस्था बना दी है, कि वे अपने कर्मचारियों की निगरानी कर सकें। एक कंपनी के अधिकारी ने कहा- ‘मौजूदा हालात में हमारे लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि हमारे कर्मचारी कब और कहां, क्या कर रहे हैं। मान लो कि उन्हें क्वारेंटाइन और सेल्फ आइसोलेशन का पालन करना हो, लेकिन वो किसी पब में खा-पी रहे हों, या धरना-प्रदर्शन में भाग ले रहे हों या ऐसी जगह हो, जहां उन्हें नहीं होना चाहिए, तो क्या वे दफ्तर लौटेंगे तो दूसरे कर्मचारियों के लिए खतरा नहीं बनेंगे। ये न सिर्फ दूसरे कर्मचारियों की सेहत के साथ खिलवाड़ होगा बल्कि हमारी कंपनी का बेवजह खर्च भी बढ़ाएगा।’ लॉकडाउन में घर से बाहर निकला ही नहीं, सच जानकर कंपनी खुश हुई मैनचेस्टर के एक जासूस ने बताया कि उसके क्लाइंट ने उससे यह पता लगाने को कहा कि उसका एक कर्मचारी किसी और कंपनी के लिए तो काम नहीं कर रहा। जांच में पता चला कि उसने घर के बाहर कदम ही नहीं रखा और कोई भी उससे मिलने नहीं आया। कंपनी को जानकर बहुत खुशी हुई कि जिस कर्मचारी पर उन्हें शक था, वो सच बोल रहा था। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today In the work from home, companies are spying, on the pretext of health, the boss is also checking whether the partners are working or not

इंग्लैंड में कई कंपनियां जासूसी करवा रही हैं। यह पता लगाने के लिए कि ‘वर्क फ्राॅम होम’ के तहत कर्मचारी काम कर भी रहे हैं या नहीं। सिर्फ कंपनियां ही नहीं, बॉस और सुपरवाइजर भी अपनी टीम के सदस्यों की यह कहते हुए जासूसी करवा रहे हैं कि उन्हें कोरोना संक्रमण के दौरान टीम के सदस्यों की चिंता सता रही है।

इंग्लैंड के मैनचेस्टर शहर के एक प्राइवेट जासूस ने बताया कि जिस तरीके का काम उन्हें कोविड संक्रमण के दौरान मिल रहा है, वैसा लॉकडाउन से पहले कभी नहीं मिला। लाॅकडाउन के दौरान उनकी सेवाओं की मांग में खासी बढ़ोतरी हुई है। हमें कंपनियाें से डिमांड आती है कि हम जांच कर बताएं कि उनके कर्मचारी वास्तव में घर से काम कर रहे हैं और घर के बाहर तो नहीं जा रहे।

विशेषज्ञों का मानना है कि अकाउंटेंसी और लॉ फर्म सबसे ज्यादा संख्या में जासूस नियुक्त कर रहे हैं। वे यह पता करवाना चाहते हैं कि कहीं उनके कर्मचारी कोराेना की आड़ में झूठ बोलकर घर पर बैठ तो नहीं रहे हैं। कुछ कंपनियों ने तो यहां तक दावा किया है कि कर्मचारियों की देखभाल करना उनका कर्तव्य है। पर वे यह जानने का अधिकार रखते हैं कि उनके कर्मचारी आइसोलेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर भी रहे हैं या नहीं।

कई कंपनियों ने टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर ऐसी व्यवस्था बना दी है, कि वे अपने कर्मचारियों की निगरानी कर सकें। एक कंपनी के अधिकारी ने कहा- ‘मौजूदा हालात में हमारे लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि हमारे कर्मचारी कब और कहां, क्या कर रहे हैं। मान लो कि उन्हें क्वारेंटाइन और सेल्फ आइसोलेशन का पालन करना हो, लेकिन वो किसी पब में खा-पी रहे हों, या धरना-प्रदर्शन में भाग ले रहे हों या ऐसी जगह हो, जहां उन्हें नहीं होना चाहिए, तो क्या वे दफ्तर लौटेंगे तो दूसरे कर्मचारियों के लिए खतरा नहीं बनेंगे। ये न सिर्फ दूसरे कर्मचारियों की सेहत के साथ खिलवाड़ होगा बल्कि हमारी कंपनी का बेवजह खर्च भी बढ़ाएगा।’

लॉकडाउन में घर से बाहर निकला ही नहीं, सच जानकर कंपनी खुश हुई

मैनचेस्टर के एक जासूस ने बताया कि उसके क्लाइंट ने उससे यह पता लगाने को कहा कि उसका एक कर्मचारी किसी और कंपनी के लिए तो काम नहीं कर रहा। जांच में पता चला कि उसने घर के बाहर कदम ही नहीं रखा और कोई भी उससे मिलने नहीं आया। कंपनी को जानकर बहुत खुशी हुई कि जिस कर्मचारी पर उन्हें शक था, वो सच बोल रहा था।



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In the work from home, companies are spying, on the pretext of health, the boss is also checking whether the partners are working or not


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