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1. नए साल के साथ ही आज हम नए दशक की दहलीज पर पहला कदम रख रहे हैं। बीता साल हमारे लिए कई दर्दनाक और परेशान करने वाली यादें देकर गया है। 2020 के अनुभव से हम क्या सीख सकते हैं, पढ़िए भास्कर थीम उम्मीदें 2021 में...

भास्कर की थीम -उम्मीदें 2021 / साल बदला है, अब वक्त हमें बदलना है; अनुभव संजोकर रखिए...चुनौतियां अवसर बनेंगी

(2021 इस सदी के लिए उम्मीदों का सबसे बड़ा साल है। वजह- जिस कोरोना ने देश के एक करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लिया, उसी से बचाने वाली वैक्सीन से नए साल की शुरुआत होगी। इसलिए 2021 के माथे पर यह उम्मीदों का टीका है।)

2. साल 2021 कोरोना से लड़ाई का महत्वपूर्ण पड़ाव है। अनुमान है कि 30 करोड़ भारतीयों को जून तक वैक्सीन लग जाएगा। 160 करोड़ डोज बुक किए जा चुके हैं। पढ़िए, इससे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य...

कोरोना पर जीत की तैयारी / विश्वभर में 1200 करोड़ डोज बुक, भारत में जनवरी से वैक्सीनेशन संभव है

3. 2021 से देश को क्या-क्या उम्मीदें रहेंगी। आम आदमी के अधिकारों से लेकर अंतरिक्ष में हमारे परचम फहराने तक, देश नए साल में किन मील के पत्थरों को पार कर सकेगा? पढ़िए, इस रिपोर्ट में...

2021 में देश / अधिकार से अंतरिक्ष तक की उम्मीद, राजनीति के थिएटर में बंगाल चुनाव, परदे पर 21 बड़ी फिल्में

4. 2021 में दुनिया में क्या-क्या होगा। अमेरिका से हांगकांग तक कई बदलावों से दुनिया गुजरेगी। कई बड़े इवेंट्स होंगे। दुनिया के लिए क्या नया लेकर आ रहा है 2021 पढ़िए इस लेख में...

2021 में विदेश / खेलों का महाकुंभ और दुबई एक्सपो भी, अमेरिका में नई सरकार, हांगकांग में चुनाव से चीन की सत्ता को चुनौती

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ब्रिटिश वैक्सीन एक्सपर्ट बोले- UK और साउथ अफ्रीका में पाया गया नया स्ट्रेन, वैज्ञानिक तैयार रहें

दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 8.37 करोड़ के ज्यादा हो गया। 5 करोड़ 93 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 18 लाख 24 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। ब्रिटेन के वैक्सीन एक्सपर्ट ने कहा है कि यूके और साउथ अफ्रीका में पाए गए कोविड-19 के नए वैरिएंट को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। उनके मुताबिक, यह पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों के लिए सतर्क रहने का मौका है।

वायरस पर नजर रखनी होगी
बिटेन के वैक्सीन एक्सपर्ट डॉक्टर पॉल आफिट ने CNN से बातचीत में कहा- यूके और साउथ अफ्रीका में मिले कोविड-19 के नए वैरिएंट ने हम सबकी चिंताएं बढ़ा दी हैं। खासतौर पर यह वैज्ञानिकों के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि वे वायरस की सीक्वेंसिंग और इसके म्यूटेशन पर फोकस करें। डॉक्टर पॉल ब्रिटेन फूड एंड ड्रग एडवाइजरी कमेटी के भी मेंबर हैं। ब्रिटेन में फाइजर वैक्सीन को मंजूरी देने में उनका अहम योगदान है। वैक्सीन रिसर्च से पॉल पहल भी जुड़े रहे हैं।

पॉल ने कहा- यह याद रखिए कि कोरोना एक आरएनए वायरस है। इसका मतलब आसान भाषा में इस तरह समझा जा सकता है कि यह इन्फ्लूएंजा और मीजल्स यानी खसरे की वायरस की तरह फैलता है। इसके कई वैरिएंट्स हो सकते हैं। ऐसे में वैज्ञानिकों की यह जिम्मेदारी हो जाती है कि वे इसके वैरिएंट्स पर नजर बनाए रखें। कम से कम एक साल पर तो इस पर फोकस करना ही होगा।

मुश्किल में अमेरिकी अस्पताल
अमेरिका में गुरुवार को फिर अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी। CNN ने अमेरिकी हेल्थ डिपार्टमेंट के हवाले से बताया कि एक ही दिन में 1 लाख 25 हजार 379 संक्रमित अस्पताल पहुंचे। इसके पहले भी कोविड ट्रैकिंग प्रोजेक्ट यानी सीटीपी ने बताया था कि पिछले हफ्ते बुधवार को एक लाख 25 हजार 335 मरीज अस्पतालों में भर्ती हुए। लगातार 13वें दिन देश के अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या एक लाख से ज्यादा रही।

WHO ने दी राहतभरी खबर
कोरोना की मार झेल रही दुनिया के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने नए साल पर बड़ा ऐलान किया है। 2021 के पहले ही दिन WHO ने फाइजर-बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी यूज के लिए अप्रूव्ड कर दिया। कोरोना की यह पहली वैक्सीन है जिसे WHO की तरफ से अप्रूवल मिली है। अब दुनिया के सभी देश जल्द से जल्द इस वैक्सीन को इस्तेमाल में ला सकते हैं। WHO ने एक स्टेटमेंट जारी कर बताया कि फाइजर की इस वैक्सीन का इमरजेंसी यूज किया जा सकता है। टेस्टिंग में सभी मानकों पर ये खरी उतरी है।

कोरोना प्रभावित टॉप-10 देशों में हालात

देश

संक्रमित

मौतें

ठीक हुए

अमेरिका

20,445,654

354,215

12,125,806

भारत

10,286,329

149,018

9,881,786

ब्राजील

7,675,973

194,976

6,747,065

रूस

3,159,297

57,019

2,554,340

फ्रांस

2,620,425

64,632

194,221

यूके

2,488,780

73,512

N/A

तुर्की

2,208,652

20,881

2,100,650

इटली

2,107,166

74,159

1,463,111

स्पेन

1,921,115

50,689

N/A

जर्मनी

1,735,819

33,917

1,328,200

(आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं)

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लंदन के एक बाजार में एक कोरोना बिलबोर्ड के सामने से गुजरता व्यक्ति। ब्रिटेन में बुधवार को एक ही दिन में 50 हजार से ज्यादा संक्रमित मिले। करीब एक लाख लोगों को वैक्सिनेट किया जा चुका है। (फाइल)
नवंबर के मुकाबले दिसंबर में करीब 4 लाख केस कम मिले, 5 हजार मौतें भी कम हुईं; रिकवरी रेट अब 96.1%

देश में कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। नवंबर के मुकाबले दिसंबर में करीब 4 लाख नए मामले कम सामने आए और मौतों में भी 5 हजार की गिरावट रिकॉर्ड की गई। नवंबर में देश में कुल 12.33 लाख मरीज मिले थे। 13.45 मरीज इससे पूरी तरह ठीक हो गए थे और करीब 15 हजार लोगों की जानें गईं थीं। इस दौरान 1.27 लाख एक्टिव केस (जिनका इलाज चल रहा) कम हुए।

वहीं, दिसंबर में संक्रमित पाए जाने वाले मरीजों का आंकड़ा 7.85 लाख रहा। इस दौरान 9.48 लाख लोग रिकवर हुए और करीब 10.8 हजार लोगों की जानें गईं। एक्टिव केस में 1.74 लाख की कमी दर्ज की गई।

ओवरऑल रिकवरी रेट की बात करें, तो इसमें भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अब ठीक होने वाले मरीजों का आंकड़ा 99 लाख के करीब पहुंच गया है। इस तरह देश का रिकवरी रेट अब 96.1% हो गया है।

कोलकाता के एक पार्क के बाहर लोगों को संक्रमण के प्रति जागरूक करने के लिए कोरोना का मॉडल लगाया गया है। न्यू इयर सेलिब्रेशन को देखते हुए सरकार और प्रशासन ने लोगों से ज्यादा सतर्क रहने की अपील की है।

देश में अब तक 1.02 करोड़ मामले
पिछले 24 घंटे में देश में 19 हजार 45 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 22 हजार 23 लोग ठीक हो गए और 244 की मौत हो गई। ये आंकड़े covid19india.org से लिए गए हैं। देश में अब तक 1.02 करोड़ लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 2.52 लाख मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 98.81 लाख लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 1.49 लाख हो गई है।

कोरोना अपडेट्स

केंद्र सरकार ने अब पूरे देश में कोरोना के वैक्सीनेशन का ड्राई रन कराने का फैसला लिया है। 2 जनवरी को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के एक साथ ड्राई रन कराया जाएगा। इसके लिए राजधानियों में 3 पॉइंट तय किए जाएंगे।

राज्यों को यह छूट रहेगी कि वे इस प्रोसेस में दूरदराज के उन जिलों को शामिल कर सकते हैं, जहां वैक्सीन पहुंचाने में मुश्किल आ सकती है। बीते 28 और 29 दिसंबर को पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश और गुजरात के दो-दो जिलों में वैक्सीनेशन के लिए मशीनरी की तैयारी को परखा गया था।

इस बीच ड्रग कंट्रोलर जनरल (DCGI) ने संकेत दिए कि अगले साल की शुरुआत में वैक्सीन उपलब्ध होगी। उन्होंने एक वेबिनार में कहा कि वैक्सीन कैंडिडेट को फंड मिल रहे हैं और बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट भी प्रयास कर रहा है। संभवत: नया साल काफी हैप्पी होगा, क्योंकि हमारे पास कुछ होगा। अभी मैं यही इशारा कर सकता हूं।

राजधानी दिल्ली में तेजी से घट रहे कोरोना मरीजों को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राजधानी में कोविड-19 मरीजों के लिए 7 सरकारी और 108 प्राइवेट अस्पतालों में आरक्षित की गई बेड की संख्या को कम कर दी गई है। सरकारी अस्पतालों में अब 4696 बेड की बजाय 2140 कोविड-19 डेडिकेटेड बेड होंगे।

देश में कोरोना के नए स्ट्रेन से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 25 पहुंच गया है। सभी ब्रिटेन से लौटे हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि सभी को आइसोलेशन में रखा गया है।

5 राज्यों का हाल
1. दिल्ली
यहां गुरुवार को 574 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 888 लोग रिकवर हुए और 13 की मौत हो गई। अब तक 6 लाख 25 हजार 369 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 6 लाख 9 हजार 322 लोग ठीक हो चुके हैं। 10 हजार 536 मरीजों की मौत हो चुकी है। 5 हजार 511 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है।

2. मध्यप्रदेश
यहां पिछले 24 घंटे में 844 नए संक्रमितों की पहचान हुई। 866 मरीज ठीक हुए और 11 की मौत हो गई। यहां अब तक कोरोना संक्रमण के 2.41 लाख केस आ चुके हैं। इनमें से 2.28 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं और 3606 की मौत हो चुकी है। अब 9354 संक्रमितों का इलाज चल रहा है।

3. गुजरात
यहां गुरुवार को 780 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 916 लोग रिकवर हुए और 4 की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 45 हजार 38 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 2 लाख 30 हजार 993 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 4306 मरीजों की मौत हो चुकी है। 9739 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है।

4. राजस्थान
यहां पिछले 24 घंटे में 698 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 957 लोग ठीक हुए और 7 की मौत हो गई। अब तक 3 लाख 8 हजार 243 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 2 लाख 95 हजार 987 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 2696 मरीजों की मौत हो चुकी है। अभी 9560 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है।

5. महाराष्ट्र
यहां गुरुवार को 3509 नए केस मिले। 3612 लोग ठीक हुए और 58 की मौत हो गई। अब तक 19 लाख 32 हजार 112 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 18 लाख 28 हजार 546 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 49 हजार 521 मरीजों की मौत हो चुकी है। 52 हजार 902 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है।

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Coronavirus Outbreak India Cases LIVE Updates; Maharashtra Pune Madhya Pradesh Indore Rajasthan Uttar Pradesh Haryana Punjab Bihar Novel Corona (COVID 19) Death Toll India Today Mumbai Delhi Coronavirus News
नवंबर के मुकाबले दिसंबर में करीब 4 लाख केस कम मिले, 5 हजार मौतें भी कम हुईं; रिकवरी रेट अब 96.1%

देश में कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। नवंबर के मुकाबले दिसंबर में करीब 4 लाख नए मामले कम सामने आए और मौतों में भी 5 हजार की गिरावट रिकॉर्ड की गई। नवंबर में देश में कुल 12.33 लाख मरीज मिले थे। 13.45 मरीज इससे पूरी तरह ठीक हो गए थे और करीब 15 हजार लोगों की जानें गईं थीं। इस दौरान 1.27 लाख एक्टिव केस (जिनका इलाज चल रहा) कम हुए।

वहीं, दिसंबर में संक्रमित पाए जाने वाले मरीजों का आंकड़ा 7.85 लाख रहा। इस दौरान 9.48 लाख लोग रिकवर हुए और करीब 10.8 हजार लोगों की जानें गईं। एक्टिव केस में 1.74 लाख की कमी दर्ज की गई।

ओवरऑल रिकवरी रेट की बात करें, तो इसमें भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अब ठीक होने वाले मरीजों का आंकड़ा 99 लाख के करीब पहुंच गया है। इस तरह देश का रिकवरी रेट अब 96.1% हो गया है।

कोलकाता के एक पार्क के बाहर लोगों को संक्रमण के प्रति जागरूक करने के लिए कोरोना का मॉडल लगाया गया है। न्यू इयर सेलिब्रेशन को देखते हुए सरकार और प्रशासन ने लोगों से ज्यादा सतर्क रहने की अपील की है।

देश में अब तक 1.02 करोड़ मामले
पिछले 24 घंटे में देश में 19 हजार 45 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 22 हजार 23 लोग ठीक हो गए और 244 की मौत हो गई। ये आंकड़े covid19india.org से लिए गए हैं। देश में अब तक 1.02 करोड़ लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 2.52 लाख मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 98.81 लाख लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 1.49 लाख हो गई है।

कोरोना अपडेट्स

केंद्र सरकार ने अब पूरे देश में कोरोना के वैक्सीनेशन का ड्राई रन कराने का फैसला लिया है। 2 जनवरी को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के एक साथ ड्राई रन कराया जाएगा। इसके लिए राजधानियों में 3 पॉइंट तय किए जाएंगे।

राज्यों को यह छूट रहेगी कि वे इस प्रोसेस में दूरदराज के उन जिलों को शामिल कर सकते हैं, जहां वैक्सीन पहुंचाने में मुश्किल आ सकती है। बीते 28 और 29 दिसंबर को पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश और गुजरात के दो-दो जिलों में वैक्सीनेशन के लिए मशीनरी की तैयारी को परखा गया था।

इस बीच ड्रग कंट्रोलर जनरल (DCGI) ने संकेत दिए कि अगले साल की शुरुआत में वैक्सीन उपलब्ध होगी। उन्होंने एक वेबिनार में कहा कि वैक्सीन कैंडिडेट को फंड मिल रहे हैं और बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट भी प्रयास कर रहा है। संभवत: नया साल काफी हैप्पी होगा, क्योंकि हमारे पास कुछ होगा। अभी मैं यही इशारा कर सकता हूं।

राजधानी दिल्ली में तेजी से घट रहे कोरोना मरीजों को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राजधानी में कोविड-19 मरीजों के लिए 7 सरकारी और 108 प्राइवेट अस्पतालों में आरक्षित की गई बेड की संख्या को कम कर दी गई है। सरकारी अस्पतालों में अब 4696 बेड की बजाय 2140 कोविड-19 डेडिकेटेड बेड होंगे।

देश में कोरोना के नए स्ट्रेन से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 25 पहुंच गया है। सभी ब्रिटेन से लौटे हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि सभी को आइसोलेशन में रखा गया है।

5 राज्यों का हाल
1. दिल्ली
यहां गुरुवार को 574 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 888 लोग रिकवर हुए और 13 की मौत हो गई। अब तक 6 लाख 25 हजार 369 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 6 लाख 9 हजार 322 लोग ठीक हो चुके हैं। 10 हजार 536 मरीजों की मौत हो चुकी है। 5 हजार 511 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है।

2. मध्यप्रदेश
यहां पिछले 24 घंटे में 844 नए संक्रमितों की पहचान हुई। 866 मरीज ठीक हुए और 11 की मौत हो गई। यहां अब तक कोरोना संक्रमण के 2.41 लाख केस आ चुके हैं। इनमें से 2.28 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं और 3606 की मौत हो चुकी है। अब 9354 संक्रमितों का इलाज चल रहा है।

3. गुजरात
यहां गुरुवार को 780 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 916 लोग रिकवर हुए और 4 की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 45 हजार 38 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 2 लाख 30 हजार 993 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 4306 मरीजों की मौत हो चुकी है। 9739 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है।

4. राजस्थान
यहां पिछले 24 घंटे में 698 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 957 लोग ठीक हुए और 7 की मौत हो गई। अब तक 3 लाख 8 हजार 243 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 2 लाख 95 हजार 987 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 2696 मरीजों की मौत हो चुकी है। अभी 9560 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है।

5. महाराष्ट्र
यहां गुरुवार को 3509 नए केस मिले। 3612 लोग ठीक हुए और 58 की मौत हो गई। अब तक 19 लाख 32 हजार 112 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 18 लाख 28 हजार 546 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 49 हजार 521 मरीजों की मौत हो चुकी है। 52 हजार 902 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है।

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MP और पंजाब के कई जिलों में बारिश के आसार, राजस्थान के 11 जिलों में पारा 5 डिग्री से नीचे

सर्दी के तेवर और तीखे हो सकते हैं। नए साल में भी ठंड ने लोगों को कंपाया है। राजस्थान के 11 जिलों में पारा 5 डिग्री के नीचे चल रहा है तो वहीं हरियाणा के हिसार में पिछले 24 साल की सबसे सर्द रात गुरुवार को रही। मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश और पंजाब में बारिश का अलर्ट जारी किया है। मप्र के कई जिलों में तो बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना भी व्यक्त की है।

भोपाल में रात का पारा 0.3 डिग्री गिरा, 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाएं

भोपाल सहित मध्य प्रदेश के ज्यादातर हिस्से में साल के आखिरी दिन भी ठंड का कहर जारी रहा। भोपाल में रात के तापमान में गिरावट दर्ज कि गई। दिन का तापमान 24.4 डिग्री दर्ज किया गया। रात के तापमान में 0.3 डिग्री की गिरावट हुई। यह 9.9 डिग्री दर्ज किया गया। गुरुवार रात भोपाल में 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ठंडी हवा भी चली। ग्वालियर धार नरसिंहपुर राजगढ़ खजुराहो में कोल्ड डे रहा। मौमस वैज्ञानिकों ने 2 जनवरी से भोपाल में बादल छाने, हल्की बारिश होने की संभावना जताई है। मालवा निमाड़ के कई इलाकों में बारिश और कहीं-कहीं ओले गिरने भी गिर सकते हैं।

मध्य प्रदेश इंदौर से सतवास तक सड़क और फिर पांच किमी घने जंगल को पार करते हुए इस स्थान पर पहुंचा जाता है, जो काफी मनमोहक है।

राजस्थान में -4.4 डिग्री तापमान के साथ माउंट आबू रहा सबसे सर्द

ठंड की मार राजस्थान में दिनोंदिन बढ़ रही है। गुरुवार को लगातार चौथे दिन 3 जगह पारा माइनस में रहा और सीकर में शून्य पर दर्ज किया गया। जयपुर समेत 11 शहरों में तापमान 5 डिग्री से नीचे रहा। माउंट आबू - 4.4 डिग्री के साथ सबसे सर्द रहा। फसलें पाले की चपेट में हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने पश्चिम विक्षोभ सक्रिय होने से शुक्रवार से कई इलाकों में हल्की बारिश और ओलावृष्टि संभवना जताई है। अगले 24 घंटे में जयपुर, अजमेर, झुंझुनूं, सीकर, टोंक, कोटा, बूंदी, धौलपुर समेत कई जगह बारिश और ओलावृष्टि के आसार हैं।

फोटो राजस्थान के सीकर की है। यहां सुबह पेड़ों पर बर्फ जम गई।

पंजाब का बठिंडा 0 डिग्री पर, येलो अलर्ट जारी

पंजाब के सभी जिलों में शीतलहर और गहरी धुंध के कारण ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बुधवार रात बठिंडा में पारा 0 डिग्री पहुंच गया। 4 जनवरी तक शीतलहर रहने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 1 से 4 जनवरी के बीच कई जगह बारिश हो सकती है। जब किसी इलाके में अत्यधिक सर्दी, गर्मी या फिर बारिश होती है तो मौसम विभाग रेड, ऑरेंज, येलो अलर्ट जारी करता है। जब किसी शहर का मौसम सामान्य होता है तो उसे ग्रीन कैटेगरी में रखा जाता है। इस समय पंजाब ऑरेंज अलर्ट पर है यानी घर से निकलते हुए सजग रहना होगा।

पंजाब के अमृतसर में ठंड के कारण विजिबिलिटी बेहद कम हो गई है।

हरियाणा में पिछले 24 साल में हिसार में सबसे ठंडी रात

कंपकंपी वाली ठंड ने अब हरियाणा में भी दस्तक दे दी है। रात का पारा सामान्य से 8 डिग्री नीचे पहुंच गया है। हिसार में यह माइनस 1.2 डिग्री रहा। यह दिसंबर माह में 24 साल में सबसे कम है। इससे पहले 10 दिसंबर 1996 को तापमान माइनस 1.8 डिग्री रहा था। वहीं, करनाल में दिन का तापमान 12.9 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 6 डिग्री कम है। एचएयू हिसार के मौसम विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, अरब सागर से नमी वाली हवाएं आएंगी। इससे 2 जनवरी के बाद हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड व बारिश से 24.87 लाख हेक्टेयर गेहूं समेत 31.86 लाख हेक्टेयर में खड़ी रबी की फसलों को लाभ होगा।

हरियाणा के हिसार में सुबह के समय पत्तों पर जमी ओस।

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तस्वीर हिमाचल प्रदेश के मनाली की है, जहां तापमान इस समय माइनस में चल रहा है। बर्फबारी के बाद यहां पर्यटकों का आगमन जारी है, जिससे सड़कों पर जाम की स्थिति बन गई है।
कल देश में वैक्सीन का ड्राई रन, CBSE एग्जाम के लिए कसें कमर और JIO का हैप्पी न्यू इयर

नमस्कार!
राजस्थान में शाहजहांपुर खेड़ा बॉर्डर पर किसानों के सब्र का बांध टूटा। सरकार ने फोर व्हीलर्स के लिए फास्टैग की डेडलाइन बढ़ाई। कोरोना में साइबर क्राइम 350% बढ़े। बहरहाल शुरू करते हैं न्यूज ब्रीफ।

(2021 इस सदी के लिए उम्मीदों का सबसे बड़ा साल है। वजह- जिस कोरोना ने देश के एक करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लिया, उसी से बचाने वाली वैक्सीन से नए साल की शुरुआत होगी। इसलिए 2021 के माथे पर यह उम्मीदों का टीका है।)

सबसे पहले देखते हैं बाजार क्या कह रहा है-

BSE का मार्केट कैप 188.03 लाख करोड़ रुपए रहा। 55% कंपनियों के शेयरों में बढ़त रही।

3,170 कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग हुई। 1,766 कंपनियों के शेयर बढ़े और 1,244 के शेयर गिरे।

आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर

PM नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) और आशा इंडिया पुरस्कार कार्यक्रम में शामिल होंगे। मोदी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी।

नई दिल्ली-कटरा के बीच कोरोना के चलते बंद हुई वंदे भारत एक्सप्रेस फिर शुरू होगी। इससे वैष्णोदेवी जाने वाले यात्रियों को सहूलियत होगी।

अमेजन-पे, गूगल पे और फोन-पे जैसे थर्ड पार्टी ऐप्स से UPI ट्रांजेक्शन महंगा हो सकता है। इन ऐप्स की UPI सर्विस पर 30% कैप लगेगा।

देश-विदेश
आ गई परीक्षा की घड़ी
CBSE 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं की तारीखें आ गई हैं। ये 4 मई से शुरू होंगी। 10 जून तक खत्म हो जाएंगी। रिजल्ट 15 जुलाई तक जारी कर दिया जाएगा। इन परीक्षाओं में 30 लाख स्टूडेंट्स शामिल हो सकते हैं। इस बार ये बोर्ड एग्जाम्स करीब ढाई महीने की देरी से होंगे। पिछले साल ये 15 फरवरी से शुरू हो गए थे। शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को इन तारीखों का ऐलान किया।

किसानों के सब्र का बैरियर टूटा
राजस्थान में अलवर के शाहजहांपुर खेड़ा बॉर्डर पर गुरुवार दोपहर ट्रैक्टरों पर सवार कुछ किसान पुलिस बैरियर तोड़कर हरियाणा में घुस गए। हरियाणा पुलिस जब तक किसानों को रोक पाती, तब तक 10 से 15 ट्रैक्टर बॉर्डर से आगे निकल गए। इसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस छोड़ी। इसमें कई किसान घायल हो गए। किसान यहां 12 दिसंबर से आंदोलन कर रहे हैं।

जोधपुर-झालावाड़ में बर्ड फ्लू
राजस्थान में जोधपुर के बाद झालावाड़ में बड़ी संख्या में कौओं की मौत का मामला सामने आया है। झालावाड़ में एवियन इन्फ्लूएंजा (एक तरह का बर्ड फ्लू) से कौओं की मौत की पुष्टि के बाद राज्य में पोल्ट्री का बिजनेस करने वालों में हड़कंप मचा है। प्रशासन ने राड़ी के बालाजी क्षेत्र में बुधवार देर रात एक किलोमीटर क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया। यहां 25 दिसंबर से अब तक 100 से ज्यादा कौओं की मौत हो चुकी है।

Jio का हैप्पी न्यू इयर
जियो यूजर्स के लिए नया साल राहत के साथ शुरू हो रहा है। 1 जनवरी से जियो से जियो के अलावा अन्य नेटवर्क पर और ऑफ-नेट फ्री अनलिमिटेड कॉलिंग कर पाएंगे। पहले कंपनी दूसरे नेटवर्क्स के लिए लिमिटेड फेयर यूसेज पॉलिसी (FUP) मिनट देती थी। अब इंटरकनेक्ट यूजेस चार्जेस (ICU) नहीं देने होंगे। जियो के जिन यूजर्स के मौजूदा प्लान की वैलिडिटी अभी बाकी है वे भी 1 जनवरी से सभी नेटवर्क पर फ्री अनलिमिटेड कॉलिंग कर पाएंगे।

फास्टैग की डेडलाइन बढ़ी
अगर आपने अभी तक अपने चार पहिया वाहन पर फास्टैग नहीं लगवाया, थो चिंता की कोई बात नहीं। सरकार ने फास्टैग की डेडलाइन डेढ़ महीने बढ़ाकर 15 फरवरी कर दी है। पहले एक जनवरी 2021 डेडलाइन थी। फास्टैग को 1 दिसंबर 2017 के बाद से नए चार पहिया वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन के समय ही अनिवार्य कर दिया गया था। इसके लिए सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम-1989 में संशोधन भी किया था।

2 जनवरी को देश में ड्राई रन
चार राज्यों में कोरोना के वैक्सीनेशन की तैयारियों का कामयाब ट्रायल कराने के बाद केंद्र सरकार ने अब पूरे देश में ड्राई रन कराने का फैसला लिया है। दो जनवरी को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के एक साथ ड्राई रन कराया जाएगा। इसके लिए राजधानियों में तीन पॉइंट तय किए जाएंगे। राज्यों को यह छूट रहेगी कि वे इस प्रोसेस में दूरदराज के उन जिलों को शामिल कर सकते हैं जहां वैक्सीन पहुंचाने में मुश्किल आ सकती है।

एक्सप्लेनर
एक VIP की सुरक्षा में 3 पुलिसवाले
हमारे देश में कई बार VIP कल्चर खत्म होने की बातें होती हैं, लेकिन ऐसा होता नहीं है। गृह मंत्रालय के अधीन ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट यानी BPRD का डेटा बताता है कि देश में 19 हजार 467 VIP हैं, जिनकी सुरक्षा में 66 हजार 43 पुलिसवाले तैनात हैं। यानी एक VIP की सुरक्षा पर तीन से ज्यादा पुलिसवाले। जबकि, 135 करोड़ आबादी वाले देश में कुल 20.91 लाख पुलिसवाले हैं। यानी 642 लोगों पर एक जवान।

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पॉजिटिव खबर
10 हजार बच्चों की नानी
आज हम आपको 10 हजार बच्चों की नानी 65 साल की सरला मिन्नी से मिलवाने जा रहे हैं। चौंकिए मत... दरअसल, उन्होंने इतने सारे बच्चों से अपना यह रिश्ता कहानियां सुनाकर कायम किया है। उनके कहने का मतलब है कि उनकी कहानियां बहुत से बच्चे सुना करते हैं और वे उन्हें अपनी ‘नानी’ मानते हैं। वे 10 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर को कहानियों की 8 से 10 मिनट की क्लिप भेजती हैं। वे मजेदार लहजे में हिंदी और अंग्रेजी में कहानियां सुनाती हैं।

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साइबर क्राइम 350% बढ़ा
साल 2020 कोविड-19 महामारी के नाम तो रहा ही, इसके नाम का इस्तेमाल कर साइबर क्राइम भी खूब बढ़ा। इसमें सामान की होम डिलीवरी के नाम पर ठगी से लेकर सोशल मीडिया पर किसी के नाम की फेक प्रोफाइल क्रिएट करके उसके दोस्तों से पैसे मांगना तक शामिल हैं। यूएन के मुताबिक, कोविड के दौरान साइबर क्राइम 350% बढ़ा है। कई देश दूसरे देशों में वायरस और वैक्सीन बनाने का डेटा हैक करवा रहे हैं।

बिलेनियर्स इंडेक्स में टॉप पर चीन
चीन में बोतलबंद पानी का कारोबार करने वाले झोंग शानशान एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। उनकी नेटवर्थ इस साल 70.9 बिलियन डॉलर बढ़कर 77.8 बिलियन डॉलर हो गई है। एशिया में सबसे ज्यादा नेटवर्थ के मामले में झोंग शानशान ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी को पछाड़ दिया है। RIL के शेयरों में गिरावट के कारण मुकेश अंबानी की कुल नेटवर्थ अब 76.9 बिलियन डॉलर रह गई है।

सुर्खियों में और क्या है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नए साल में हम दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाने की तैयारी कर रहे हैं।

अमेरिका के वायरल डिसीज एक्सपर्ट डॉ. एंथोनी फौसी ने कहा है कि वैक्सीनेशन ठीक से हुआ, तो अगले साल के आखिर में हालात नॉर्मल हो सकते हैं।

कोरोना से हर दिन होने वाली मौतों के मामले में गिरावट दर्ज की गई है। भारत अब इस मामले में 12वें नंबर पर पहुंच गया है।

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Dry run of vaccine in the country on January 2, tight waist for CBSE exam and JIO's Happy New Year
कोरोना वैक्सीन बनाने वाले साइंटिस्ट्स ने पहली बार बयां की अपनी कहानी, बताया लैब में कैसे करते हैं काम

पूरे देश को जिस कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है, आज उसे बनाने वालों की कहानी। उन साइंटिस्ट की कहानी, जिनका पूरा लॉकडाउन लैब में रिसर्च करते हुए बीता। उन साइंटिस्ट की कहानी, जिन्हें हमारी तरह ही पिछले साल जनवरी में ये पता चला था कि कोरोना महामारी दुनिया में फैल रही है और इसकी कोई वैक्सीन नहीं है। इन कोरोना वॉरियर्स ने पहली बार भास्कर के साथ अपना अब तक का अनुभव साझा किया। पढ़िए हैदराबाद स्थित दो कंपनियों 'भारत बायोटेक' और 'बायोलॉजिकल ई' के एक-एक साइंटिस्ट की कहानी, उन्हीं की जुबानी।

एमडी ने पूछा था, रिस्क कितना है जानते हो? इस पर विजय ने कहा था- रिस्क है क्या सर

यह बात अप्रैल की है, जब भारत बायोटेक में कोरोना वैक्सीन के लिए टीम मेम्बर्स को चुना जा रहा था। जिस टीम को वैक्सीन के काम में जुटना था, उन्हें बायो सेफ्टी लेवल-3 (बीएसएल-3) लैब में काम करना था। कई महीनों तक घर छोड़कर फैक्ट्री के गेस्ट हाउस में ही रहना था।

कंपनी के एमडी डॉ. कृष्णा ऐल्ला ने जब साथियों से पूछा कि कौन-कौन वैक्सीन डेवलपमेंट के काम में जुटना चाहता है तो सभी ने हाथ उठा दिए। इन्हीं में से एक थे विजय कुमार दरम। विजय सबसे पहले लैब में जाने को तैयार हुए। डॉ. ऐल्ला ने उनसे पूछा कि तुम्हें मालूम है रिस्क कितना हो सकता है' तो विजय ने कहा, 'रिस्क है क्या सर। मैं वैक्सीन डेवलपमेंट करना चाहता हूं।' 28 नवंबर को जब पीएम भारत बायोटेक पहुंचे थे, तब उन्हें भी डॉ. कृष्णा ने विजय से मिलवाया था।

भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' को डेवलप करने में 200 लोगों की टीम लगी हुई है। इसमें 50 लोग ऐसे हैं, जो लैब के अंदर काम करते हैं। इनमें से 20 साइंटिस्ट हैं। साइंटिस्ट की टीम जुलाई से लेकर नवंबर तक यानी पांच महीने अपने घर नहीं गई। ये लोग कंपनी के गेस्ट हाउस में ही रह रहे थे और यहीं दिन-रात वैक्सीन रिसर्च और डेवलपमेंट में लगे थे। दिसंबर से इन लोगों ने घर जाना शुरू किया।

यह फोटो भारत बायोटेक की लैब का है। यहां के वैज्ञानिक वैक्सीन डेवलपमेंट के दौरान पांच महीने तक घर नहीं गए।

हमें लैब में लाइव वायरस के बीच काम करना होता है, पत्नी ने सपोर्ट किया इसलिए पूरा टाइम लैब में दे पाया

विजय कहते हैं, 'जब मुझे और मेरे साथियों को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया, तब हमें बहुत खुशी और गर्व महसूस हुआ कि हम उस वैक्सीन को डेवलप करने वाले प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने जा रहे हैं, जिससे लाखों लोगों की जिंदगियां बचने वाली हैं। लेकिन, इसके साथ ही इस वैक्सीन को जल्द से जल्द डेवलप करने की चुनौती भी थी।'

'अप्रैल से हमने इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया था। हम लोग पांच महीने तक घर नहीं गए। तब अधिकतर समय लैब में ही बीता। लॉकडाउन चल रहा था, तब रॉ मटेरियल जुटाना भी एक चैलेंज था। हमारे पास बायो सेफ्टी लेवल-3 (बीएसएल-3) फैसिलिटी की लैब है, जो काफी सुरक्षित मानी जाती है और भारत में यह लैब सिर्फ हमारे पास ही है।'

उन्होंने कहा, 'यहां हमें लाइव वायरस को हैंडल करना होता है, क्योंकि हम जिस टाइप की कोरोना वैक्सीन बना रहे हैं, उसे वायरस के जरिए ही तैयार किया जाता है। ऐसे में यह काम बहुत ज्यादा सावधानी से करना होता है, क्योंकि एक भी लीकेज होने पर इंफेक्शन का खतरा हो सकता है।'

हमने विजय से पूछा कि आप लोगों ने इंफेक्शन से बचने के लिए क्या किया? इसके जवाब में वो बोले, 'पीपीई के अलावा प्राइमरी गाउन, सेकंडरी गाउन, डबल ग्लव्स पहनते हैं।' इस सवाल पर कि जब आप रिसर्च में जुटे रहे और घर नहीं जा पाए तो घर में आपकी जिम्मेदारियां किसने संभाली? उन्होंने कहा कि मेरी पूरी जिम्मेदारियां पत्नी ने संभाली। उन्होंने घर के साथ ही बाहर के भी सब कामकाज देखे। इसी के चलते हम लैब में इतना टाइम दे पाए।' हालांकि, दिसंबर के पहले हफ्ते से साइंटिस्ट घर जाना शुरू कर चुके हैं।

(2021 इस सदी के लिए उम्मीदों का सबसे बड़ा साल है। वजह- जिस कोरोना ने देश के एक करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लिया, उसी से बचाने वाली वैक्सीन से नए साल की शुरुआत होगी। इसलिए 2021 के माथे पर यह उम्मीदों का टीका है।)

दूसरी कहानी डॉ. विक्रम पराड़कर की
डॉ. पराड़कर, साइंटिस्ट हैं और बायोलॉजिकल ई कंपनी में एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट हैं। वो और उनकी टीम पिछले करीब 9 महीने से कोरोना वैक्सीन के डेवलपमेंट में लगी है। आगे की कहानी, डॉ. पराड़कर की ही जुबानी...

40 साइंटिस्ट की टीम, लिटरेचर पढ़ते हैं, दिमाग सोचना बंद नहीं करता...
डॉ. पराड़कर कहते हैं, 'हमारी कंपनी में दो हजार इम्प्लॉई हैं। कोरोना वैक्सीन के डेवलपमेंट में 40 साइंटिस्ट की टीम लगी है। इनकी उम्र 25 से 55 साल के बीच है। लॉकडाउन में जब सबकुछ बंद हो गया था, तब हम लोग वैक्सीन डेवलपमेंट में लगे हुए थे। जरूरी सेवाओं के चलते हमें आने-जाने की छूट थी।'

'कंपनी की बस से आना-जाना करते थे। आमतौर पर हफ्ते में 40 से 45 घंटे की वर्किंग होती है, लेकिन अब कई दफा 60 से 65 घंटे की भी हो रही है। कई बार दो शिफ्ट एक साथ पूरी कर रहे हैं, क्योंकि जो प्रॉसेस चल रही होती है, उसे हमें कंटीन्यू मॉनिटर करना होता है। लिटरेचर सर्च करना पड़ता है। इसके साथ में दिमाग में थिंकिंग तो चलते ही रहती है। हमारी पूरी टीम अनुभवी है। हम कई वैक्सीन डेवलप कर चुके हैं, इसलिए सबको पता है कि उन्हें उनका काम कैसे करना है।'

डॉ. पराड़कर साइंटिस्ट हैं और बायोलॉजिकल ई कंपनी में उनकी टीम 9 महीने से वैक्सीन डेवलपमेंट में लगी है।

सिचुएशन के हिसाब से बदल जाती है किट, प्रोटीन बना रहे थे इसलिए इंफेक्शन का खतरा नहीं था

डॉ. पराड़कर ने बताया कि वैक्सीन में 6 टाइप की कैटेगरी होती हैं। हम प्रोटीन सब-यूनिट कैटेगरी वाली वैक्सीन बना रहे हैं। इस कैटेगरी में वैक्सीन बनाने पर वायरस की जरूरत नहीं पड़ती। प्रोटीन लैब में विकसित किया जाता है। यह सबसे सुरक्षित होता है, क्योंकि इसमें कोई वायरस होता ही नहीं। इसलिए हम लैब में पूरी तरह से सेफ होते हैं। फिर भी सभी लोग घर से फैक्ट्री आते हैं। मार्केट जाते हैं, इसलिए प्रोटेक्शन जरूरी है। जहां जरूरी होता है, वहां प्रोटेक्शन के लिए पूरी किट पहनते हैं। लैब में ग्लव्स, मास्क और फेस शील्ड पहनते हैं। मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट में जाते हैं तो पूरी बॉडी कवर होती है।

वो बताते हैं कि हर एक सिचुएशन के हिसाब से हमारी किट अलग होती है। हमारे घरवालों को ये पता होता है कि हम कैसे काम करते हैं, क्योंकि हम सालों से यही काम कर रहे हैं। कोरोना में भी उन्हें पता था कि हम प्रोटीन बना रहे हैं इसलिए वे टेंशन में नहीं थे।

कुछ साइंटिस्ट कोरोना का शिकार हुए, कुछ को बदलने पड़े अपने घर
उन्होंने कहा, 'हमारे सामने सबसे बड़ा चैलेंज इफेक्टिव और पूरी तरह से सेफ वैक्सीन डेवलप करने का ही है। कुछ दूसरे चैलेंज भी आए, जैसे कुछ साथी ऐसे हैं, जो शेयरिंग में रह रहे थे। लॉकडाउन में मकान मालिक ने उन्हें बाहर निकलने से मना कर दिया तो वो लोग कंपनी के गेस्ट हाउस में ही रुके। कुछ साथी ऐसे हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के वक्त घर कंपनी के पास में ही ले लिया, ताकि आने-जाने में कोई दिक्कत न आए। कुछ साइंटिस्ट कोरोनावायरस का शिकार भी हो गए। उन्हें कंपनी ने तुंरत क्वारैंटाइन किया और उनका ट्रीटमेंट करवाया। ठीक होने के बाद वो दोबारा लैब में मुस्तैद हो गए।'

डॉ. पराड़कर बताते हैं, 'सबसे यूनिक बात ये रही कि कभी किसी ने किसी भी काम के लिए मना नहीं किया, न ही शिफ्ट पूरी होने की बात कही। टीम मेम्बर्स ने अपना सौ प्रतिशत दिया। इसी का नतीजा रहा कि, हम वैक्सीन डेवलप करने के इतने करीब आ गए हैं। कुछ ही महीनों में पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन तैयार हो जाएगी।'

यह फोटो बायोलॉजिकल ई कंपनी के साइंटिस्ट का है, जो लैब में वैक्सीन रिसर्च में लगे हुए हैं।

ट्रायल में अब तक 150 वॉलंटियर्स को वैक्सीन दे चुके हैं, फरवरी में शुरू होंगे फेज थ्री के ट्रायल

वो कहते हैं कि अभी हमारे फेज वन और फेज टू के ट्रायल एक साथ चल रहे हैं। इन दोनों फेज में हमें कुल 360 लोगों को वैक्सीन देनी है, जिनमें से 150 लोगों को दी जा चुकी है। देश में सात जगह हमारे ट्रायल चल रहे हैं। हम चार टाइप के वेरिएंट टेस्ट कर रहे हैं। जिस भी टाइप में सेफ्टी और इम्युनिटी सबसे अच्छी आएगी, उसी पर वैक्सीन डेवलप की जाएगी।

उन्होंने बताया, 'फरवरी तक हम चार में से कोई एक बेस्ट कॉम्बिनेशन चुन लेंगे। इसके बाद फेज थ्री के क्लीनिकल ट्रायल शुरू करेंगे। फेज थ्री में 12 से लेकर 80 साल तक के वॉलंटियर्स को शामिल करेंगे ताकि सभी के लिए वैक्सीन तैयार हो सके। इसमें ऐसे मरीजों को भी शामिल किया जाएगा, जो पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। फरवरी-मार्च में हमने वैक्सीन की शुरूआती खोजबीन की थी और अप्रैल से वैक्सीन डेवलपमेंट शुरू किया। इस साल अप्रैल तक हमारे फेज थ्री के क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो जाएंगे। आमतौर पर किसी वैक्सीन को इस स्टेज तक आने में चार साल लग जाते हैं। लेकिन, कोरोना वैक्सीन एक साल में ही इस स्टेज पर पहुंच गई, क्योंकि कंपनी के सारे रिसोर्सेज इसी पर लगे हुए हैं। अभी दूसरे सारे काम पीछे कर दिए गए हैं। सरकार का रिव्यू भी जल्दी-जल्दी हो रहा है। इससे पेपर वर्क में टाइम वेस्ट नहीं हो रहा।'

50 सालों से वैक्सीन बना रहे, 120 देशों में पहुंचती है हमारी वैक्सीन

डॉ. पराड़कर ने कहा, 'मैं वैक्सीन डेवलपमेंट की शुरूआत के बारे में भी बताना चाहता हूं। जनवरी में चीन ने अनाउंस किया था कि एक नया वायरस आया है, जिसका नाम कोरोनावायरस है। फिर WHO ने कहा कि यह ह्यूमन-टू ह्यूमन ट्रांसमिट हो रहा है और पूरी दुनिया में इसके फैलने की आशंका है। WHO के अनाउंस करते ही सबको यह पता चला गया था कि ये इंफेक्शन महामारी में बदलने वाला है। हर कोई परेशान था, क्योंकि किसी के पास इससे बचने की इम्युनिटी नहीं थी। तब हमने सोचा कि इस महामारी से बचने का सिर्फ एक ही तरीका है, और वो है वैक्सीन।'

'हमारी कंपनी पिछले करीब 50 साल से वैक्सीन बना रही है। हम 120 देशों में वैक्सीन बेचते हैं। सरकारी प्रोग्राम के लिए हम पचास साल से वैक्सीन सप्लाई कर रहे हैं। इसलिए हमने डिसीजन लिया कि हम इसकी वैक्सीन बनाएंगे। हमने सबसे पहले रिसर्च करके जाना कि हम किस टाइप की वैक्सीन बना सकते हैं। हमने हैपेटाइटिस की वैक्सीन बनाई है। पिछले पंद्रह सालों से इस वैक्सीन को बना रहे हैं, जो पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी है इसलिए हमने सोचा कि हम इसी टेक्नोलॉजी के बेस पर कोरोनावायरस की वैक्सीन भी डेवलप करेंगे। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) और बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन भी उसी टेक्नोलॉजी पर वैक्सीन रिसर्च करने का प्लान बना रहे थे, जो हमने सोचा था।'

वो बताते हैं कि MIT और बायलर कॉलेज ने कॉन्सेप्ट तैयार करके हमसे कॉन्टैक्ट किया कि आपके पास कैपेसिटी है तो क्या हम साथ मिलकर ये वैक्सीन बना सकते हैं। सबकुछ इवेल्युएट करने के बाद साथ मिलकर वैक्सीन बनाने पर सहमति बनी। जुलाई में वैक्सीन कैंडीडेट फिक्स किया। एनिमल्स पर टेस्टिंग की और वैक्सीन का डिजाइन तैयार किया। फिर क्लीनिकल ट्रायल्स शुरू हुए, जो अभी चल रहे हैं।

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Coronavirus Vaccine Scientist Interview; Bharat Biotech COVAXIN, Biological E DR. Vikram Paradkar Speaks To Dainik Bhaskar
65 साल के साइंटिस्ट 16 घंटे लैब में बिताते हैं, पत्नी पूरी टीम के खाने-पीने, रहने का इंतजाम देखती हैं

ये बातचीत है आज के दौर के सबसे जरूरी और अहम व्यक्तियों में एक से। आप हैं डॉ. कृष्णा एम. ऐल्ला। डॉ. ऐल्ला भारत बायोटेक कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। ये कंपनी हैदराबाद के जीनोम वैली में है। यह कंपनी कोराेना की वैक्सीन बना रही है।

डॉ. ऐल्ला और उनकी टीम पिछले 9 महीने से इस पर काम कर रही है। काम का आलम ये है कि 65 साल के डॉ. ऐल्ला रोज लैब में 16 घंटे बिता रहे हैं। उनकी पत्नी सुचित्रा ऐल्ला यूं तो कंपनी में ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, लेकिन इन दिनों कंपनी के लैब में काम कर रहे साइंटिस्ट के खाने-पीने से लेकर रहने तक का इंतजाम देख रही हैं। कहें तो मां जैसा रोल निभा रही हैं।

कोवैक्सिन के क्लीनिकल ट्रायल के बीच डॉ. ऐल्ला ने पहली बार किसी मीडिया हाउस से बातचीत की है। इस दौरान उन्होंने वैक्सीन के साथ-साथ अपनी जिंदगी से जुड़े उन तमाम पहलुओं पर भी बात की, जिन्हें कभी-कभार या ना के बराबर साझा किया है।

तो पढ़िए पूरी बातचीत...

आपने कोवैक्सिन बनाने के बारे में कब सोचा और इस बारे में पहली बात किनसे हुई थी?

पिछले साल जनवरी में चीन में कोरोना की वैक्सीन बनने का काम शुरू हो गया था। मार्च-अप्रैल में यूएस, रशिया ने भी काम शुरू कर दिया था। तब मुझे लगा कि तुरंत काम शुरू नहीं हुआ तो भारत इस दौड़ में पीछे छूट सकता है। महामारी में कोई देश किसी का साथ नहीं देता। सब पहले खुद को बचाते हैं। नेशनलिज्म आ जाता है। इसलिए मैंने तुरंत इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) में बात की और वैक्सीन डेवलपमेंट में लग गए। उस वक्त तो हम घर में भी यही डिस्कस किया करते थे कि किसी भी तरह भारत को अपनी वैक्सीन बनानी चाहिए, क्योंकि यह हमारी इज्जत का सवाल है।

इस वैक्सीन को बनाने के लिए आपने टीम कैसे चुनी? कितने लोगों को शामिल किया?

हमने शुरू में करीब 200 लोगों की टीम वैक्सीन डेवलपमेंट के लिए चुनी। इसमें 50 लोग ऐसे थे, जिन्हें लैब के अंदर काम करना था। इन 50 में से 20 साइंटिस्ट थे। लैब के अंदर रहने वालों की उम्र 35 साल या इससे भी कम थी। शर्त बस ये थी कि जो भी लोग चुने जाएंगे, वो अगले 5 महीने घर नहीं जा सकते। उनके रुकने और खाने-पीने का इंतजाम कंपनी गेस्ट हाउस में ही रहेगा इसलिए सभी को पहले ही कह दिया था कि आप अपने परिवार और पत्नी से परमीशन लेकर आओ। जब सभी ने सहमति दे दी, तब हमने उन्हें टीम में शामिल किया।

वैक्सीन डेवलपमेंट में लगने के बाद आपकी जिंदगी में कोई बदलाव आया क्या?

कोरोना वैक्सीन पर जब से काम शुरू हुआ है, तब से हर रोज लैब में 16 से 18 घंटे दे रहा हूं। अभी जिंदगी में टेंशन बहुत है। हैप्पीनेस कम है। जिस दिन भी कोई नेगेटिव चीज होती है, उस रात सो नहीं पाता। जो दिन अच्छा बीतता है, उस रात नींद भी अच्छी आ जाती है। यही बदलाव आया है और ये बहुत बड़ा है।

खबर ये है कि आपकी पत्नी डॉ. सुचित्रा ऐल्ला भी वैक्सीन डेवलपमेंट में लगी हुई हैं?

नहीं ऐसा नहीं है। वो डेवलपमेंट में शामिल नहीं हैं, लेकिन साइंटिस्ट के रुकने, खाने-पीने का सारा इंतजाम उन्हीं के जिम्मे है। और सबसे बड़ी बात ये है कि वो सभी को मोटिवेट रखती हैं। उनका ये कॉन्ट्रीब्यूशन सबसे बड़ा है।

ये डॉ. ऐल्ला का भारत बायोटेक की लैब में काम करने के दौरान का फोटो है।

इस वैक्सीन डेवलपमेंट के दौरान आपके लिए अब तक का सबसे बड़ा चैलेंज क्या रहा?

हमारे लिए तो मीडिया ही सबसे बड़ा चैलेंज बना हुआ है। हम क्लीनिकल ट्रायल कर रहे हैं। मीडिया कई बार ऐसी खबरें छापता है, जो लोगों में भ्रम फैलाती हैं और इससे ट्रायल प्रभावित होता है। अभी जो वॉलेंटियर्स क्लीनिकल ट्रायल में शामिल हो रहे हैं, वो हमारे लिए सैनिक की तरह हैं। उनके बिना ट्रायल नहीं हो सकता और यदि हम क्लीनिकल ट्रायल नहीं करेंगे तो कभी कुछ नया इन्वेंट नहीं कर पाएंगे। मैं तो ये कहता हूं कि एक बार मुझे अपने ट्रायल्स पूरे कर लेने दीजिए फिर यदि कुछ गलत निकले तो पुलिस में मेरी रिपोर्ट डाल देना, लेकिन कम से कम इस काम में अड़ंगा तो मत डालिए।

अब कुछ आपके बारे में जानना चाहता हूं... मैंने पढ़ा कि आप किसान के बेटे हैं, फिर फार्मा में कैसे आ गए?

मेरा पूरा परिवार खेतीबाड़ी से ही जुड़ा रहा है। मुझसे पहले घर में कभी कोई बिजनेसमैन, आंत्रप्रेन्योर, प्रोफेशनल नहीं हुआ। मिडिल क्लास फैमिली थी। मैंने भी एग्रीकल्चर में ही ग्रेजुएशन किया था, लेकिन जब पिताजी को खेती करने का बोला तो उन्होंने कहा कि तुम्हारी ये डिग्री नौकरी में काम आ सकती है। इनके दम पर खेती तो नहीं कर पाओगे।

उस समय परिवार की आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं थी इसलिए मैंने एक कंपनी में नौकरी शुरू कर दी। उसी दौरान मुझे फैलोशिप मिल गई और मैं पढ़ाई के लिए यूएस चला गया। वहां पीजी और पीएचडी किया। वहीं सैटल हो गया था। भारत आने का मन भी नहीं था, लेकिन मेरी मां और पत्नी ने जिद पकड़ ली कि भारत आओ।

मां ने कहा- बेटा कमा कितना भी लो, लेकिन तुम्हारा पेट 9 इंच का ही है। इससे ज्यादा नहीं खा पाओगे। कोई टेंशन मत लो, हम सब देख लेंगे, बस तुम इंडिया आ जाओ। भूखा नहीं रहने देंगे। इसके बाद मैं भारत आ गया। सोच ही रहा था कि भारत में क्या करूंगा।

उस समय हेपेटाइटिस का एक टीका 5 हजार रुपए का आता था, तो सोचा कि क्यों न सस्ता टीका भारत में बनाया जाए, क्योंकि मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में मेरा एक्सपर्टाइजेशन था। बस यहीं से फार्मा सेक्टर में एंट्री हो गई और फिर यह सफर शुरू हो गया।

जिंदगी में अब तक का सफर कैसा रहा है? कभी पलट कर सोचने का मौका मिलता है...

हेपेटाइटिस की सबसे सस्ती दवा हमने बनाई। अब तो 10 रुपए में ही मिल रही है। 1998 में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने इसे लॉन्च किया था। पूरी दुनिया में जीका वायरस का टीका बनाने के लिए सबसे पहले हमने पेटेंट कराया। रोटा वायरस का पहला स्वदेशी टीका भी हमने ही बनाया। इसके लिए एफिकेसी क्लीनिकल ट्रायल किया था, जिसमें देश के 6800 वॉलंटियर्स शामिल हुए थे। किसी भी नई बीमारी को हराने के लिए क्लीनिकल ट्रायल्स बहुत जरूरी होते हैं। देश में क्लीनिकल ट्रायल्स हमने ही शुरू किए।

हम दो-पांच नहीं, बल्कि आठ-दस सालों तक का पहले से सोचते हैं और उससे जुड़ी रिसर्च में लगे रहते हैं। तब जाकर कहीं जिंदगी बचाने वाले टीके बन पाते हैं। कोवैक्सिन भी हम पूरी तरह से भारत में ही डेवलप कर रहे हैं। हमारा कोई विदेशी गॉडफादर नहीं है। हमारी गॉडफादर सिर्फ भारत सरकार है।

1998 में भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने कंपनी द्वारा बनाई गई हेपेटाइटिस बी वैक्सीन को लॉन्च किया था।

वैक्सीन के अप्रूवल के बाद कोवैक्सिन के कितने डोज लगवाने होंगे? और हां... इसकी कीमत क्या होगी?

इसके दो डोज लगवाने होंगे। पहले डोज के 28 दिनों के बाद दूसरा डोज दिया जाएगा। कीमत के बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हां शुरुआत में कीमत थोड़ी ज्यादा हो सकती है, लेकिन जैसे-जैसे वॉल्यूम बढ़ता जाएगा, वैसे-वैसे कीमत कम होती जाएगी।

वैक्सीन को कितने टेम्प्रेचर पर स्टोर करना जरूरी होगा? और अपने देश में वैक्सीनेशन कब चल सकता है?

वैक्सीन को 4 डिग्री के टेम्प्रेचर पर स्टोर करना होगा, इसके लिए किसी खास टेम्प्रेचर की जरूरत नहीं। वैक्सीनेशन कब तक चलेगा, यह अभी नहीं कहा जा सकता, लेकिन मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है कि यह अगले दो से तीन साल तो चलना चाहिए।

आपकी कंपनी के जिस लैब में साइंटिस्ट रिसर्च कर रहे हैं, वो कितनी सुरक्षित है?

हमारे पास बायो सेफ्टी लेवल-3 फैसिलिटी वाली लैब है। यहां काम करने वाले वैज्ञानिक अपने घर से भी ज्यादा सुरक्षित होते हैं। वे लंच के लिए बाहर आते हैं। लैब में जाते वक्त हमारी ड्रेस किसी स्पेस सूट की तरह होती है, जो हमें पूरी तरह से सुरक्षित रहने में मदद करती है।

ट्रायल के फेज-3 के नतीजे कब तक आने की उम्मीद है? और वैक्सीन कब तक लॉन्च कर सकते हैं?

फेज-3 में कुल 26 हजार वॉलंटियर्स पर ट्रायल किए जाना है। हम 13 हजार वॉलेंटियर्स रिक्रूट कर चुके हैं। इसके नतीजे फरवरी में आना शुरू हो सकते हैं। वैक्सीन मार्केट में कब आएगी, ये सरकार को तय करना है, क्योंकि यह महामारी का मामला है। हम इमरजेंसी यूज की परमिशन के लिए अप्लाई कर चुके हैं। अगर सरकार आज इजाजत दे दो तो हम तुरंत वैक्सीन अवेलेबल करवा सकते हैं, क्योंकि हमारे फेज वन और टू के ट्रायल बहुत अच्छे रहे हैं। पुणे में एनिमल्स पर जो ट्रायल किए थे, वो भी पूरी तरह से सफल रहे हैं।

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Covaxin, Coronavirus Vaccine: Bharat Biotech Chairman Krishna Ella Interview | Everything You Need To Know About Doctor Krishna Ella
हम तो युद्ध लड़ रहे हैं; जब तक सबको कोरोना वैक्सीन नहीं मिलती, आराम कहांः सुचित्रा ऐल्ला

भारत की पहली स्वदेशी वैक्सीन-कोवैक्सिन बना रही हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक को सरकारी रेगुलेटर से मंजूरी का इंतजार है। करीब 6 से 7 मिलियन डोज तैयार हैं। सैंपल टेस्टिंग के लिए कसौली भेजे हैं। जैसे ही ड्रग रेगुलेटर से इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिलेगी, राज्यों को जरूरत के मुताबिक वैक्सीन सप्लाई होने लगेगी।

(2021 इस सदी के लिए उम्मीदों का सबसे बड़ा साल है। वजह- जिस कोरोना ने देश के एक करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लिया, उसी से बचाने वाली वैक्सीन से नए साल की शुरुआत होगी। इसलिए 2021 के माथे पर यह उम्मीदों का टीका है।)

भारत बायोटेक की जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर सुचित्रा ऐल्ला ने भास्कर को दिए स्पेशल इंटरव्यू में बताया कि हैदराबाद में हमारी दो फेसिलिटी में काम शुरू हो गया है। तीसरी फेसिलिटी मार्च तक बनकर तैयार होगी। इससे हम 2021 के अंत तक सालाना 20 करोड़ से ज्यादा डोज बनाने लगेंगे। हम तो युद्ध लड़ रहे हैं। जब तक सबको वैक्सीन नहीं मिलेगी, तब तक आराम नहीं करने वाले। आप भी पढ़िए सुचित्रा ऐल्ला से इस खास बातचीत के मुख्य अंश...

आपकी वैक्सीन को कब तक इमरजेंसी अप्रूवल मिल सकता है?
इस समय हमारे लिए कुछ भी कहना बेहद मुश्किल होगा। ड्रग रेगुलेटर ही अंतिम फैसला लेगा। हमारा काम तो ट्रायल्स का डेटा डेली-बेसिस पर सबमिट करना है और हम यह कर रहे हैं। शुरुआत में हेल्थकेयर वर्कर्स और 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लगनी है। हमारी पूरी तैयारी है। हर राज्य ने अपनी वैक्सीन से जुड़ी मांगों को केंद्र सरकार के सामने रख दिया है। ड्रग रेगुलेटर कई सारी बातें देखकर अंतिम फैसला करेगा।

क्या सीरम की तरह आपने भी इमरजेंसी अप्रूवल से पहले वैक्सीन बनाना शुरू कर दी है?
हां। हमने अपने रिस्क पर प्रोडक्शन शुरू किया था। जो सैंपल हमारी वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग फेसिलिटी में बने थे, जांच के लिए कसौली की नेशनल ड्रग टेस्टिंग फेसिलिटी में भेजे हैं। 6 से 7 मिलियन डोज तैयार हैें। हैदराबाद में तीसरी फेसिलिटी बनते ही हमारी क्षमता 200 मिलियन डोज सालाना हो जाएगी।

क्या आपकी वैक्सीन नए स्ट्रेन पर कारगर होगी? इसे अपडेट करने की जरूरत तो नहीं होगी?
हमने वैक्सीन डेवलपमेंट में पूरे वायरस का इस्तेमाल किया है। इससे हमारी वैक्सीन पूरे वायरस पर कारगर है। वायरस में छोटे-मोटे बदलावों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। नए स्ट्रेन के बारे में NIV में स्टडी हो रही है। ऐहतियात के तौर पर हम कोशिश कर रहे हैं कि नया स्ट्रेन भी हमें जल्द से जल्द मिल जाए, ताकि हम उस पर अपनी वैक्सीन को आजमा सकें। इससे इस बात की पुष्टि हो जाएगी कि नए स्ट्रेन पर भी हमारी वैक्सीन कारगर है।

सरकार ने कहा है कि वैक्सीन का इफेक्ट 42 दिन बाद होगा। क्या कोवैक्सिन पर भी यह लागू है?
जी हां। यह कोई पैरासिटामॉल नहीं है, जो तीन घंटे में असर दिखाना शुरू कर देगी। वैक्सीन से शरीर में इम्यून रिस्पॉन्स डेवलप करने में समय लगता है। बच्चों में भी एक से लेकर तीन डोज तक देने पड़ते हैं। तब जाकर शरीर में उस वायरस के प्रति इम्यून रिस्पॉन्स विकसित होता है। इसमें भी 60 दिन तक लग जाते हैं। कोवैक्सिन के दो डोज 28 दिन के अंतर से लगेंगे। दूसरे डोज के 14 दिन बाद यानी 42वें दिन तक सक्रिय होगी। इसका मतलब यह नहीं है कि सभी लोगों में इसका असर ऐसे ही होगा। वैक्सीन का इफेक्ट दिखने में 45 से 60 दिन भी लग जाते हैं। वहीं, कुछ लोगों में वैक्सीन इससे पहले भी असर दिखाना शुरू कर देती है। ट्रायल्स में हम 42वें दिन वॉलंटियर का ब्लड सैंपल ले रहे हैं। इसमें देख रहे हैं कि उसके शरीर में एंटीबॉडी बनी या नहीं।

भारत बायोटेक की मैन्युफैक्चरिंग फेसिलिटी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी करते हुए भारत बायोटेक की जॉइंट एमडी सुचित्रा ऐल्ला।

क्या यह वैक्सीन हर उम्र के लोगों के लिए सेफ और इफेक्टिव है?
हमारे अब तक के ट्रायल्स में कोवैक्सिन सेफ और इफेक्टिव साबित हुई है। इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स के आधार पर पूरा फोकस सिर्फ 18 वर्ष से ज्यादा उम्र की आबादी पर है। ट्रायल्स इन पर ही हुए हैं। 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगानी है तो उन पर ट्रायल्स करने होंगे। उसके बाद ही कुछ तय हो सकेगा।

वैक्सीन आने के बाद हम कब तक बिना मास्क के घूम सकेंगे?
नहीं। इसमें वक्त लगेगा। यह महामारी कब खत्म होगी, इसका जवाब थोड़ा मुश्किल है। मैं न तो FDA चीफ हूं और न ही CDC या ICMR की। इसके बाद भी इतना कह सकती हूं कि आपको 2021 में भी पूरे साल सावधान रहना होगा। हमारे देश की आबादी को देखते हुए लगता नहीं कि दिसंबर 2021 तक सबको वैक्सीन मिल सकेगी। अगर कोरोना के खतरे से बचना है तो मास्क पहनना ही होगा।

आपकी वैक्सीन अब अंतिम स्टेज पर है, अब ताे आप थोड़ी राहत महसूस कर रही होंगी?
हमें नहीं पता कि अब भी हम रिलीव हुए हैं या नहीं। हमने अप्रैल में काम शुरू किया था। साइंटिस्ट्स, रिसर्च टीम और टेक्नोलॉजी टीम ने मार्च-अप्रैल में ही काम शुरू कर दिया था। अब भी 24X7 काम कर रहे हैं। तीन शिफ्ट्स में काम होता है। हम उस दिन रिलैक्स होंगे, जब भारत के हर व्यक्ति को वैक्सीन लग जाएगी। तब तक रुककर सुस्ताने के लिए हमारे पास वक्त कहां है?

69 देशों के राजनयिकों ने दिसंबर के पहले हफ्ते में भारत बायोटेक की मैन्युफैक्चरिंग फेसिलिटी का दौरा किया और टेक्नोलॉजी को समझा।

कोरोना वैक्सीन पर काम करते हुए आपकी दिनचर्या किस तरह बदली है?
कंपनी में हमारी कैपेबल टीम है। तयशुदा सिस्टम सब करता है। मैं पहले 6-8 घंटे काम करती थी, लेकिन महामारी ने काफी कुछ बदल दिया है। अब हमारी टीम रोज 12-15 घंटे काम कर रही है। मैं भी 12 घंटे से ज्यादा समय तक रोजाना एक्टिव रहती हूं।

कोवैक्सिन पर कितना खर्च हुआ है और होने वाला है? इसमें क्या किसी तरह की फंडिंग मिली है?
कोवैक्सिन के लिए हमें ICMR से क्लीनिकल ट्रायल्स के लिए फंडिंग मिली है। इस पर 70 से 80 करोड़ रुपए खर्च हुए होंगे। इसके अलावा वैक्सीन के डेवलपमेंट और अन्य चीजों पर कंपनी का ही खर्च हुआ है। हमारा आकलन है कि कोवैक्सिन के बनाने और आखिरी व्यक्ति तक पहुंचाने की प्रक्रिया में 70 से 80 मिलियन डॉलर (500-600 करोड़ रुपए) खर्च हो जाएंगे।

कोरोना वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया कब शुरू हुई?
यह लंबा संघर्ष रहा है। पूरे देश में लॉकडाउन था, तब भी हम काम कर रहे थे। वैक्सीन बनाने के लिए हमें वायरस का लाइव स्ट्रेन चाहिए था। हमने ICMR और NIV को पत्र लिखे। उनसे वायरस का भारतीय स्ट्रेन हासिल किया। उस समय न तो एयर कार्गो चल रहे थे और न ही एयरपोर्ट्स काम कर रहे थे। हमने सड़क के रास्ते गाड़ियां भेजीं और पुणे से वायरस का स्ट्रेन हैदराबाद लाए। फिर कड़ी मेहनत कर उसे इनएक्टिवेट किया। इस दौरान इस बात का भी ध्यान रखा कि यह वायरस हमारे साइंटिस्ट और अन्य स्टॉफ को इन्फेक्ट न कर दे।

𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚𝐧 𝐯𝐚𝐜𝐜𝐢𝐧𝐞 𝐚𝐠𝐚𝐢𝐧𝐬𝐭 𝐂𝐎𝐕𝐈𝐃-19 𝐝𝐫𝐚𝐰𝐬 𝐠𝐥𝐨𝐛𝐚𝐥 𝐚𝐭𝐭𝐞𝐧𝐭𝐢𝐨𝐧. The results of the #COVAXIN Phase-2 human clinical trials can be accessed at https://t.co/jjl1WifW2q pic.twitter.com/VKfvjeZuOE

— ICMR (@ICMRDELHI) December 24, 2020

आपकी वैक्सीन किस तरह इम्यून रिस्पॉन्स डेवलप करती है?
हमारी वैक्सीन इनएक्टिवेटेड प्लेटफॉर्म पर काम करती है। हमने इसमें कोरोनावायरस को कमजोर किया ताकि वह शरीर में संख्या न बढ़ा सके। वैक्सीन इंजेक्ट करने पर शरीर में इम्यून रिस्पॉन्स डेवलप करती है। हमारे शुरुआती 4 से 6 हफ्ते प्री-क्लीनिकल ट्रायल्स में ही निकल गए थे। हम और हमारी वैज्ञानिक टीम हैदराबाद के बाहर फेसिलिटी में रहे। घर भी नहीं गए।

हमने तय किया था कि स्पाइक प्रोटीन या वायरस के किसी हिस्से के बजाय पूरे वायरस को लेकर वैक्सीन बनाई जाए। दुनियाभर में अलग-अलग टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म पर वैक्सीन बन रही है। पर हमारी कोशिश थी कि ऐसे प्लेटफॉर्म पर वैक्सीन बनाई जाए, जो सबसे अधिक भरोसेमंद हो। आज हम तीन विदेशी यूनिवर्सिटियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उनसे टेक्नोलॉजी पर नॉलेज शेयरिंग कर रहे हैं।

अभी वैक्सीन के ट्रायल्स का स्टेटस क्या है?
इस वैक्सीन को बनाने में हमारा जापानी एंसेफिलाइटिस समेत कई वैक्सीन बनाने का अनुभव काम आया। जुलाई में हमने ड्रग रेगुलेटर से अनुमति लेकर 400 वॉलंटियर्स पर फेज-1 ट्रायल्स किए। इसमें वैक्सीन की सेफ्टी को परखा। फिर हमने 400 वॉलंटियर्स पर फेज-2 ट्रायल्स किए। इसमें वैक्सीन की इम्युनोजेनेसिटी को परखा। इन परिणामों के आधार पर ही हम आज देशभर के 22 से ज्यादा अस्पतालों में करीब 26 हजार वॉलंटियर्स पर फेज-3 ट्रायल्स कर रहे हैं।

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Coronavirus Vaccine COVAXIN; Suchitra Ella Interview | Bharat Biotech Joint Managing Director Speaks to Dainik Bhaskar
कुंडली, न्यूमरोलॉजी और टैरो कार्ड्स से जानिए आपके लिए कैसा रहेगा नया साल

ज्योतिष के नजरिए से साल 2021 आपके लिए क्या लेकर आ रहा है, ये आप कुंडली, टैरो और अंक ज्योतिष से जान सकते हैं। जन्म कुंडली यानी चंद्र राशि के आधार पर राशिफल बता रहे हैं डॉ. अजय भांबी, टैरो कार्ड राशिफल प्रणिता देशमुख और अंक फल डॉ. कुमार गणेश।

कुंडली राशिफल

2021 में 9 में से सिर्फ 7 ग्रह ही राशि बदलेंगे। इस वजह से 6 राशियों के लिए ये साल अच्छा रहेगा। मेष, वृष, कर्क, कन्या, वृश्चिक और मीन राशि वाले लोगों को उपलब्धियां और सफलता मिलने के योग हैं। जानिए, नए साल का पूरा कुंडली राशिफल...

12 में से 6 राशियों के लिए उपलब्धियों और फायदे वाला रहेगा ये साल

टैरो राशिफल

टैरो कार्ड्स के अनुसार नए साल 2021 में मेष, मिथुन, वृश्चिक, धनु, मीन राशि के लोगों को सतर्क रहकर काम करना होगा। जानिए, 2021 का पूरा टैरो राशिफल...

मेष से मीन राशि तक; आपके करियर, परिवार और स्वास्थ्य के मामले में कैसा रहेगा नया साल

अंक फल

जन्म तारीख से भविष्य बताने की विद्या को अंक ज्योतिष कहा जाता है। जानिए, आपके जन्मांक के मुताबिक कैसा रहेगा आपके लिए साल 2021...

जन्म तारीख के आधार पर जानें नया साल आपके परिवार, व्यापार और आर्थिक क्षेत्र के लिए कैसा रहेगा

नए साल का कैलेंडर

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Know how the new year will be for you with horoscopes, tarot cards and numerology
पढ़िए, पूरे साल के खास इवेंट्स, व्रत-त्योहारों की तारीखें और विवाह से लेकर प्रॉपर्टी खरीदी तक के मुहूर्त

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Calender 2021 Read, special events that happen throughout the year, dates of fast-festivals and muhurats from marriage to property purchase
2020 से सीख लें और बुरी बातों को भूलकर 2021 में प्रवेश करें, भूलेंगे नहीं तो ये बातें बोझ बन जाएंगी

कहानी- रामायण में श्रीराम को वनवास हो चुका था। वे सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास के लिए अयोध्या से निकल गए थे। राम पिछली सभी बुरी बातों को भूलकर आगे बढ़ रहे थे। उनके मन में कैकेयी और मंथरा के लिए भी कोई गलत बात नहीं थी।

राम में यहां हमें समझाया है कि जो बीत गया है, उसे भूल जाओ, जो चल रहा है, उस पर अपनी पकड़ बनाओ। वनवास के समय उनके जीवन में शूर्पणखा, ऋषि-मुनि, शबरी आदि कई लोग आए थे। सभी के साथ राम पूरी समझ के साथ मिले थे। इसे कहते हैं वर्तमान को ठीक से जीना। लेकिन, वर्तमान के साथ ही भविष्य पर भी नजर रखनी चाहिए।

आज हम नए साल 2021 में प्रवेश कर रहे हैं। पिछले साल काफी कुछ ऐसा हुआ है, जिसकी वजह से कई लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। नए साल में हमें श्रीराम के ये सूत्र अपनाने चाहिए। पिछले समय से शिक्षा तो लें, लेकिन बुरी बातों पर टिकना नहीं है। अगर बुरी बातों को भूलेंगे नहीं तो ये हमारे लिए बोझ बन जाएंगी। सिर पर बोझ लेकर चलेंगे तो हमारी चाल भी लड़खड़ा जाती है।

अब हमें वर्तमान पर पकड़ बनाकर रखनी है। सूझ-बूझ और सावधानी के साथ इस समय जीवन जीएं। गलतियां न करें।

श्रीराम वर्तमान पर पकड़ रखते हुए भी भविष्य के लिए दूरदृष्टि रखते थे। उन्होंने शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए, क्योंकि भविष्य में उन्हें रावण का वध करना था।

सीख- हमें नए साल में प्रवेश करते समय तीन बातें ध्यान रखनी है। पहली- जो बीत गया है, उसकी बुरी बातों को भूल जाओ, उससे सीख लेकर आगे बढ़ें। दूसरी- वर्तमान पर पूरी पकड़ बनाकर रखें। गलतियां न करें। तीसरी- भविष्य के लिए दूरदृष्टि रखें।

(2021 इस सदी के लिए उम्मीदों का सबसे बड़ा साल है। वजह- जिस कोरोना ने देश के एक करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लिया, उसी से बचाने वाली वैक्सीन से नए साल की शुरुआत होगी। इसलिए 2021 के माथे पर यह उम्मीदों का टीका है।)

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कुछ चटपटा खाने का मन हो तो बनाएं पोटैटो रोस्टी, इसे शाम के नाश्ते में चाय के साथ सर्व करें

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If you want to eat something spicy then make Potato Rosti, serve it with tea in the evening breakfast.
उस नेता ने क्यूबा की सत्ता संभाली, जिन्हें मारने के लिए अमेरिका ने 600 से ज्यादा नाकाम कोशिशें की

1890 के दशक में स्पेन-अमेरिका के बीच हुए युद्ध के दौरान एक सैनिक क्यूबा आया। युद्ध के बाद दोबारा लौटा तो क्यूबा का ही होकर रह गया। यहीं, गन्ने की खेती करते-करते एक बड़ा जमींदार बन गया। शादी के बाद 9 बच्चे हुए। उनमें से एक का नाम था फिदेल। वही फिदेल, जिन्होंने क्यूबा के तानाशाह बतिस्ता के जुल्म के खिलाफ 26 जुलाई 1953 को भाई राउल समेत मुट्ठी भर लोगों और गिने-चुने हथियारों की मदद से बगावत कर दी। वही फिदेल जो आगे चलकर अमेरिका के सबसे बड़े दुश्मन बने। वही फिदेल, जिन्होंने क्यूबा पर आधी सदी तक राज किया। वही फिदेल, जिन्होंने पूंजीवादी अमेरिका की नाक के नीचे समाजवादी सत्ता स्थापित की। वही फिदेल, जिन्हें अमेरिका ने 60 साल में 600 से ज्यादा बार मारने की नाकाम कोशिश की।

उन्हीं फिदेल कास्त्रो ने आज ही के दिन 1959 में अपने गोरिल्ला सैनिकों के साथ मिलकर तानाशाह बतिस्ता की सत्ता का खात्मा कर दिया था। इसके बाद क्यूबा में एक नए युग की शुरुआत हुई। 1953 से 1959 के दौरान फिदेल जब बतिस्ता के खिलाफ लड़ रहे थे, तो अमेरिका उनकी मदद करता रहा। अमेरिकी अखबारों में उनके इंटरव्यू छपते रहे। लेकिन, जब उन्होंने सत्ता संभाली तो सोवियत संघ के साथ उनके रिश्ते बेहतर होते गए और अमेरिका से खराब। इतने खराब कि 55 साल तक कोई अमेरिकी राष्ट्रपति क्यूबा नहीं गया। 2015 में पहली बार जब बराक ओबामा क्यूबा गए, तब तक क्यूबा में फिदेल की जगह उनके भाई राउल सत्ता संभाल रहे थे। फिदेल 2006 तक क्यूबा की सत्ता के शीर्ष पर रहे। वहीं, उनके बाद उनके भाई राउल 12 साल तक क्यूबा के राष्ट्रपति रहे। राउल आज भी क्यूबा पर राज करने वाली कम्युनिस्ट पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं।

(2021 इस सदी के लिए उम्मीदों का सबसे बड़ा साल है। वजह- जिस कोरोना ने देश के एक करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लिया, उसी से बचाने वाली वैक्सीन से नए साल की शुरुआत होगी। इसलिए 2021 के माथे पर यह उम्मीदों का टीका है।)

कश्मीर में युद्ध विराम की घोषणा

आज ही के दिन 1949 में कश्मीर में युद्ध विराम की घोषणा हुई। इसके बाद 14 महीने से चल रहा युद्ध खत्म हुआ। 14 अगस्त को देश के दो टुकड़े हुए। पाकिस्तान का जन्म हुआ। लेकिन, कई रियासतें ऐसी थीं जो न तो भारत के साथ गईं, ना ही पाकिस्तान के। उनमें से एक थी कश्मीर रियासत। जिसके राजा थे हरि सिंह। आजादी के महज दो महीने ही हुए थे। जब 21 अक्टूबर 1947 को कश्मीर पर पाकिस्तानी कबाइलियों ने हमला कर दिया। हमलावर कबाइलियों को पाकिस्तानी सेना का समर्थन था।

पाकिस्तान के हमले के बाद कश्मीर के राजा हरि सिंह ने भारत की मदद मांगी। भारत ने विलय की शर्त पर मदद की बात कही। हरि सिंह विलय को तैयार हो गए। विलय के बाद भारत ने कश्मीर में सेना भेजी। 14 महीने के युद्ध के बाद एक जनवरी 1949 को युद्ध विराम की घोषणा हुई।

भारत और दुनिया में 1 जनवरी की महत्वपूर्ण घटनाएं :

2002: यूरोपियन यूनियन में यूरो चलन में आई। मार्च 2002 के बाद इन देशों में व्यापार के लिए यूरो ही अकेली करेंसी थी।

2001: कलकत्ता का नाम आधिकारिक तौर पर कोलकाता हुआ।

1995: विश्व व्यापार संगठन (WTO) अस्तित्व में आया।

1978: बम्बई (अब मुंबई) में एयर इंडिया के जंबो जेट बोइंग-747 विमान हादसे में 213 लोगों की मौत हुई।

1978: एक्ट्रेस विद्या बालन का जन्म हुआ। विद्या पहली बार सीरियल हम पांच में 1995 में नजर आईं। विद्या ने परिणिता, लगे रहो मुन्ना भाई, भूल भुलैया, डर्टी पिक्चर जैसी फिल्में की हैं।

1971: देश में टीवी और रेडियो पर सिगरेट के विज्ञापनों को दिखाने पर बैन लगा।

1971: भाजपा नेता और ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्म हुआ। सिंधिया करीब 20 साल कांग्रेस में रहने के बाद पिछले साल ही भाजपा में शामिल हुए हैं।

1961: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का जन्म हुआ।

1951: एक्टर नाना पाटेकर का जन्म हुआ। नाना ने हिन्दी के साथ ही कई मराठी फिल्मों में भी काम किया है।

1950: अजाइगढ़ का राज्य भारत संघ में मिला। इस वक्त इसका अधिकांश हिस्सा मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में है। कुछ हिस्सा छतरपुर जिले में आता है।

1950: प्रसिद्ध उर्दू कवि और गीतकार राहत इंदौरी का जन्म हुआ।

1941: प्रसिद्ध कॉमेडियन असरानी का जयपुर में जन्म हुआ।

1906: ब्रिटिश सरकार ने इंडियन स्टैंडर्ड टाइम सिस्टम को मान्यता दी।

1877: इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया ब्रिटिश भारत की शासक बनीं।

1862: भारतीय दंड संहिता यानी IPC को देश में लागू किया गया।

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Today History: Aaj Ka Itihas India World 1 January Update | Cuba Ex-PM Fidel Castro Children, Kashmir Ceasefire Declaration
अहा! ज़िंदगी के दिसंबर अंक के चुनिंदा लेख पढ़िए सिर्फ एक क्लिक पर

अजब-गजब/ दुनियाभर में बहुतेरी ऐसी घटनाएं होती हैं जिन पर हम पहली बार में यक़ीन नहीं कर पाते। जानिए ऐसी ही कुछ घटनाओं के बारे में...

जब मनुष्य को पक्षियों ने हरा दिया था और एक सैनिक 29 वर्ष तक युद्ध लड़ता रहा था, दुनियाभर में घटी कुछ ऐसी घटनाएं जो आपको आश्चर्य से भर देंगी

नमस्कार / साल 2020 के महज़ दो महीने ही बीते थे कि जैसे किसी अदृश्य हाथ ने सबको ठेलकर घरों में समेट दिया। एक इंसान, एक शहर, एक देश नहीं, पूरी दुनिया को मानना पड़ा...

बहुत आज़माया इस साल ने, लेकिन इंसानी हौसले कभी कम न होंगे

(2021 इस सदी के लिए उम्मीदों का सबसे बड़ा साल है। वजह- जिस कोरोना ने देश के एक करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लिया, उसी से बचाने वाली वैक्सीन से नए साल की शुरुआत होगी। इसलिए 2021 के माथे पर यह उम्मीदों का टीका है।)

साल के सबक / इस वर्ष को हम भले ही अपनी स्मृति से मिटा देना चाहें, परंतु इसके सकारात्मक सबक ताउम्र हमारे साथ रहेंगे...

साल 2020 के ऐसे 20 सबक़ जिन्हें याद रखना बहुत ज़रूरी है

मरासिम / महामारी ने जब ठहरने का मौका दिया और चारों ओर निहारा, तो नज़र आए अपनों के आत्मीयता भरे चेहरे। महामारी के बीच यह बीतते बरस का एक खूबसूरत पहलू है...

रिश्तों के लिहाज़ से भी अहम रहा यह साल, कोरोना के कारण टूटते सम्बंधों को फिर से सम्भालने का मौक़ा मिला

शिक्षा / कोरोना के कारण जहां डेढ़ अरब से ज़्यादा स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है, लेकिन जहां चाह, वहां राह वाली मिसाल भी इसी साल सही साबित होती दिखाई दी है...

शिक्षा के क्षेत्र में कायम हुई नई मिसालें, अनूठे प्रयोग और नए तरीक़ों से शिक्षकों ने थामी शिक्षा की बागडोर

देशांतर / विद्वान निरंतर विमर्शों में इस विषय को शामिल कर रहे हैं कि कोविड 19 के विदा लेने के बाद दुनिया कितनी बदलेगी...

कोविड के बाद किस तरह की होगी दुनिया, क्या बदलाव होंगे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके क्या मायने हैं

ताना-बाना / इम्युन सिस्टम को अपने ताने-बाने की भली प्रकार से सुध रहती है। देह के यंत्र में कोई बाहरी तत्व प्रवेश कर जाए तो वह सशंक हो उठता है। उसे नष्ट करने दौड़ पड़ता है...

बड़े काम के हैं इम्युनिटी के सबक़ और मनुष्य का यह इम्युन सिस्टम किसी आश्चर्य से कम भी नहीं

अंतर्मन / धैर्य, धर्म, मित्र और स्त्री की परीक्षा विपत्ति के समय ही होती है, और आने वाले दीर्घकाल तक इसी सूक्ति के सहारे हमें जीवन पथ पर आगे बढ़ना होगा...

टला नहीं है अभी कोरोना का संकट, इसलिए धैर्य के नए पाठ को सीखना और आत्मसात करना आवश्यक है

जीवन सूत्र / जीवन में सुख, संतुष्टि, सुकून और समृद्धि की सबसे बड़ी दुश्मन कोई चीज़ है, तो कामों को टालने की यह आदत ही है...

जीवन में आगे बढ़ना है तो 'आज' से ही बनेगा काज

सच्ची समृद्धि / समय पर काम और फिर पूरा आराम अमीरों का लक्षण है, जो छोटे-छोटे मौकों पर भी साफ़ देखा जा सकता है...

किस तरह समय पर काम करके फिर आराम करते हैं अमीर लोग

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अल्सर से सिर की त्वचा और हड्डी सड़ने लगी थी, ऑपरेशन कर निकाला और नई त्वचा भी बनाई

गुजरात के डॉक्टरों ने 79 वर्षीय मरीज के सिर (स्कल) का दुर्लभ ऑपरेशन किया है। मरीज नवीनचंद्र के सिर में अल्सर था। इस कारण त्वचा और हड्डी सड़ने लगी थी। डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर उसे निकाला और प्लास्टिक सर्जरी कर नई त्वचा लगाई। ताकि मस्तिष्क का जो हिस्सा खुल गया है, उसे आवरण दिया जा सके। दरअसल, नवीनचंद्र पिछले 6 महीने से लगातार सिर दर्द से परेशान थे।

मेडिकल जांच में पता चला कि उन्हें ‘बेसल सेल कार्सिनोमा’ है। जब उन्हें इस बीमारी का पता चला, तब इस अल्सर का आकार अंगुली के अग्रभाग जितना यानी करीब दो सेमी था। यह 6 महीने में बढ़कर सिर के हड्‌डी तक पहुंच गया। संक्रमण फैलने के कारण मस्तिष्क के अंदर का भाग भी खुलने लगा था। तब अहमदाबाद के जीसीएस हॉस्पिटल के न्यूरोसर्जन डॉ. कुशल शाह और प्लास्टिक-कॉस्मेटिक रिकंसट्रक्टिव सर्जन डॉ. प्रमोद मेनन ने उनके उपचार की जिम्मेदारी अपने हाथ में ली।

उन्होंने बताया कि सिर की संक्रमित, खराब हुई चमड़ी को गांठ सहित निकालने के बाद मस्तिष्क को आवरण देने वाले ‘ड्यूरल कवरिंग’ की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए संक्रमित हड्डी को बाहर निकाला गया। बाद में प्लास्टिक सर्जरी कर नई त्वचा बनाकर लगाई। ऑपरेशन के तीन महीने बाद मरीज पूरी तरह स्वस्थ हैं।

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नवीनचंद्र पिछले 6 महीने से लगातार सिर दर्द से परेशान थे।