एनआईटी तीन नंबर स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में पहली बार प्लाजमा थेरेपी से 45 वर्षीय कोरोना मरीज का सफल इलाज किया गया है। इस थेरेपी से तीन दिन में ही मरीज के ठीक होने से डाक्टर उत्साहित हैं। मरीज को अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल हरियाणा का पहला ऐसा सरकारी अस्पताल है।
जहां आईसीएमआर की मंजूरी मिलने के बाद प्लाज्मा थेरेपी से इलाज शुरू हुआ है। पीड़ित मरीज को प्लाज्मा डोनेट सेक्टर-28 निवासी संजीव शर्मा ने किया। वह कोरोना संक्रमित थे। ईएसआईसी अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद उन्होंने अपना प्लाज्मा डोनेट किया। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार संजीव ने जिस मरीज के लिए अपना प्लाज्मा डोनेट किया था। वह वेंटिलेटर पर था।
प्लाज्मा चढ़ाने के बाद मरीज की हालत में धीरे-धीरे सुधार हुआ। तीन दिन बाद मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो गया। उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इसी तरह एक अन्य गंभीर अवस्था के मरीज को प्लाज्मा चढ़ाया गया। मरीज को प्लाज्मा डोनेट अंकुश ने दिया।
एनआईटी एक निवासी अंकुश ने दो दिन पहले ही ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा डोनेट किया। उन्होंने बताया वह मानेसर की एक कंपनी में काम करते हैं। एक दिन ऑफिस से लौटने के बाद बुखार व शरीर में दर्द की शिकायत हुई। टेस्ट कराने पर 18 मई को कोरोना की पुष्टि हुई। उसके बाद वह ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में दाखिल हो गए।
उन्होंने बताया 28 मई को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इसके बाद कोरोना से जूझ रहे अन्य मरीजों की इलाज में सहायता के लिए उन्होंने स्वेच्छा से प्लाज्मा डोनेट किया।
^मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा थेरेपी से गंभीर मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है। इसके अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। अस्पताल से ठीक होकर जाने वाले कोरोना मरीज अब प्लाज्मा डोनेशन के लिए आगे आने लगे है। इस थेरेपी से एक मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो गया है। दो का इलाज जारी है।
- डॉ. असीम दास, डीन, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल
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