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तीन माह पहले राजस्थान-­हरियाणा सोने की डिलीवरी देने गया सेल्समैन गायब सेंट्रल दिल्ली के करोलबाग इलाके में एक कारोबारी का कर्मचारी दो किलो से ज्यादा सोना लेकर अंडरग्राउंड हो गया। पीड़ित को खुद के साथ धोखा मिलने का अहसास तीन महीने बाद हुआ, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान कर्मचारी उसे लगातार झांसा देता रहा। इस सोने की कीमत लगभग एक करोड़ से ज्यादा की बतायी गई है। पुलिस ने शिकायत मिलने पर आरोपी कर्मचारी मनोज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस को दी गई शिकायत में पीड़ित रजत कनोडिया पीतमपुरा एरिया में रहते हैं। इनकी करोलबाग में ज्वेलरी बनाने की फर्म हैं। जहां सोने, चांदी और हीरे के जेवरात बनते हैं। रजत कनोडिया ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया लगभग दो साल पहले उन्होंने मनोज को बतौर सेल्समैन काम पर रखा था। 21 मार्च को मनोज कुमार को काम से राजस्थान भेजा गया। उसे राजस्थान और हरियाणा में सोने की डिलीवरी करनी थी। राजस्थान पहुंचने के बाद देश में लॉकडाउन का ऐलान हो गया, जिसके बाद मनोज अपने मालिक को तीन महीने तक बातों के जाल में उलझाता रहा। कारोबारी रजत भी लॉकडाउन की वजह से उसकी बातों पर विश्वास करते रहे, लेकिन जब वह लॉकडाउन खुलने के बाद भी नहीं आया तो पीड़ित को कुछ संदेह हुआ। इसके बाद मनोज ने अपने मालिक का मोबाइल उठाना भी बंद कर दिया। सोना 2150 ग्राम है। खुद के साथ धोखाधड़ी का अहसास होने पर पीड़ित ने मामले की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद मुकदमा दर्ज कर लिया गया। फिलहाल पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है। पुलिस के मुताबिक आरोपी उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी का रहने वाला है। उसने सोने का क्या किया और क्या नहीं ये तो आरोपी के पकड़े जाने के बाद ही खुलासा हो पाएगा। दूसरा सवाल ये भी है कि गोल्ड कारोबारी ने इतने दिनों बाद क्यों केस दर्ज करवाया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

सेंट्रल दिल्ली के करोलबाग इलाके में एक कारोबारी का कर्मचारी दो किलो से ज्यादा सोना लेकर अंडरग्राउंड हो गया। पीड़ित को खुद के साथ धोखा मिलने का अहसास तीन महीने बाद हुआ, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान कर्मचारी उसे लगातार झांसा देता रहा। इस सोने की कीमत लगभग एक करोड़ से ज्यादा की बतायी गई है।

पुलिस ने शिकायत मिलने पर आरोपी कर्मचारी मनोज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस को दी गई शिकायत में पीड़ित रजत कनोडिया पीतमपुरा एरिया में रहते हैं। इनकी करोलबाग में ज्वेलरी बनाने की फर्म हैं। जहां सोने, चांदी और हीरे के जेवरात बनते हैं।

रजत कनोडिया ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया लगभग दो साल पहले उन्होंने मनोज को बतौर सेल्समैन काम पर रखा था। 21 मार्च को मनोज कुमार को काम से राजस्थान भेजा गया।
उसे राजस्थान और हरियाणा में सोने की डिलीवरी करनी थी। राजस्थान पहुंचने के बाद देश में लॉकडाउन का ऐलान हो गया, जिसके बाद मनोज अपने मालिक को तीन महीने तक बातों के जाल में उलझाता रहा। कारोबारी रजत भी लॉकडाउन की वजह से उसकी बातों पर विश्वास करते रहे, लेकिन जब वह लॉकडाउन खुलने के बाद भी नहीं आया तो पीड़ित को कुछ संदेह हुआ।

इसके बाद मनोज ने अपने मालिक का मोबाइल उठाना भी बंद कर दिया। सोना 2150 ग्राम है। खुद के साथ धोखाधड़ी का अहसास होने पर पीड़ित ने मामले की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद मुकदमा दर्ज कर लिया गया। फिलहाल पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है।

पुलिस के मुताबिक आरोपी उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी का रहने वाला है। उसने सोने का क्या किया और क्या नहीं ये तो आरोपी के पकड़े जाने के बाद ही खुलासा हो पाएगा। दूसरा सवाल ये भी है कि गोल्ड कारोबारी ने इतने दिनों बाद क्यों केस दर्ज करवाया।



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