दिल्ली सरकार द्वारा डीयू के राज्य वित्तपोषित कॉलेजों के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ का वेतन स्टूडेंट्स सोसायटी फंड से दिए जाने के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ ने मंगलवार को आईटीओ मेट्रो स्टेशन से दिल्ली सचिवालय तक मार्च किया। प्रदर्शन में 50 से अधिक छात्र दिल्ली सचिवालय के बाहर डिटेन किए गए।
इससे पहले जब प्रदर्शन शुरू हुआ था तब रास्ते में पुलिस ने दो बार छात्रों को रोका और कई छात्र सचिवालय पहुंचने से पूर्व में ही डिटेन कर लिए गए थे। छात्रों ने दिल्ली सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया और दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। अभाविप और डूसू के नेतृत्व में इस प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने दिल्ली सरकार द्वारा 16 अक्टूबर को स्टूडेंट्स सोसाइटी फंड से वेतन दिए जाने संबंधी निर्णय को तुरंत वापस लिए जाने की मांग की।
स्टूडेंट्स सोसाइटी फंड छात्रों से फीस के रूप में लिया गया है और इस फंड का उपयोग छात्रों से जुड़ी हुई विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों के संदर्भ में खर्च किया जाना चाहिए , न कि वेतन दिए जाने के लिए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दिल्ली के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा कि छात्रों के रचनात्मक विकास के लिए निर्धारित फंड को यदि किसी दूसरे मद में खर्च करना निश्चित रूप से छात्रों के साथ में बहुत बड़ा धोखा है। हम अपनी मांगों के पूरा होने तक इस निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगे । वहीं डूसू अध्यक्ष अक्षित दहिया ने कहा कि कोरोना-काल में पहले से ही छात्र परेशान हैं।
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