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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को ब्रिक्स संसदीय फोरम की बैठक को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। “वैश्विक स्थिरता, जनसाधारण की सुरक्षा और प्रगतिशील विकास की दृष्टि से ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच भागीदारीः संसदीय आयाम” विषय पर हुई बैठक में बिरला ने ब्रिक्स के सदस्यों देशों को आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक संघर्ष में तेजी लाने की बात कही। बैठक में बिरला ने कहा कि आतंकवाद आज मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। जनप्रतिनिधि होने के नाते सांसद इस खतरे के प्रति मूकदर्शक नहीं बने रह सकते।
उन्हें आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट होना चाहिए। उन्होंने इस पर जोर दिया कि आतंकवाद से जुड़ी सभी गतिविधियों के लिए मिलने वाली धनराशि पर तत्काल रूप से रोक लगनी चाहिए। बिरला ने कहा कि आतंकवाद तथा हिंसक उग्रवाद के पनपने के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों पर ध्यान दिए जाने और उनका यथाशीघ्र समाधान किए जाने की आवश्यकता है।
साथ ही ब्रिक्स देशों की संसदों को आतंकवाद को समाप्त करने संबंधी संधियों और समझौतों के समर्थन में अपने सामूहिक संकल्प को बल देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंचों का उपयोग करना चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण लाखों निर्दोष लोगों की दुखद मृत्यु हुई है, गंभीर आर्थिक चुनौतियां पैदा हुई हैं और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। यह ऐसा समय है, जबकि वैश्विक एकता और सहयोग की सबसे अधिक आवश्यकता है।
कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने के चल रहे प्रयास
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि हमारी सरकार समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने, कृषि और कृषि से जुड़े व्यवसायों, एमएसएमई और अन्य उद्योगों को फिर से खड़ा करने की चुनौतियों का सामना करने के लिए 260 बिलियन डॉलर का आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज दे रही है। आत्मनिर्भर भारत अभियान जैसी योजनाएं निर्धन लोगों, किसानों, शहरी कामकाजी वर्ग तथा मध्यम वर्ग का सशक्तिकरण करने में काफी सहायक होंगी।
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