केंद्र सरकार के प्रतिबंध के बावजूद कुछ चीनी एप अब भी इस्तेमाल हो रहे हैं। ऐसा ही एक केस दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत में सामने आया। एक वकील ने कैम स्कैनर से स्कैन किए दस्तावेज काेर्ट के समक्ष रखे। विशेष जज सुनील चौधरी ने नाराजगी जताते हुए उन्हें भविष्य में काेर्ट के काम में कैम स्कैनर इस्तेमाल न करने की सलाह दी है।
दरअसल, दहेज हत्या के एक आरोपी ने वकील प्रवीण चौधरी के माध्यम से जमानत अर्जी दायर की थी। आवेदन कैम स्कैनर से स्कैन कर ऑनलाइन दायर किया गया था। 5 अगस्त को जमानत अर्जी पर सुनवाई के दाैरान जज ने दस्तावेजों पर कैम स्कैनर के वॉटर मार्क देखे। अदालत आराेपी काे 22 अगस्त को जमानत दे चुकी है, लेकिन जज के आदेश की काॅपी अब सामने आई है।
आदेश में वकील को प्रतिबंधित एप का इस्तेमाल नहीं करने काे कहा गया है। वहीं, वकील प्रवीण चौधरी से बताया कि अर्जी उनके जूनियर वकील ने दायर की थी। कोर्ट का आदेश आने के बाद उन्होंने इस एप का इस्तेमाल बंद कर दिया है। बता दें कि गलवान में तनाव के बाद केंद्र सरकार टिकटाॅक, कैम स्कैनर, शेयर इट और जैंडर जैसे 50 से अधिक एप को बैन कर चुका है। सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा में लिया गया फैसला बताया है।
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