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महिलाओं ने किया पत्थराव, एसआई व कांस्टेबल घायल प्रेम नगर इलाके में दबंगों ने एक सिविल इंजीनियर को टक्कर मार दी। विरोध करने पर मारपीट कर उसे गंभीर रुप से घायल कर दिया। घटना की सूचना पर पुलिस जब आरोपी को पकड़ने उसके घर पहुंची तो दो महिलाओं और लड़के ने ईंट-पत्थरों से हमला कर दिया। इसमें एसआई समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने दोनों महिलाओं समेत तीन को पकड़ा लिया। जानकारी के मुताबिक पीड़ित की पहचान प्रतीक पांडे के रुप में हुई है। वह परिवार के साथ प्रेम नगर-3, अगर-नगर, किराड़ी में रहता है। प्रतीक अंबुजा सिमेंट प्लांट में बतौर सिविल इंजीनियर तैनात है। प्रतीक ने पुलिस को बताया कि वह राखी पर घर आया हुआ था। 5 अगस्त को रात 10 बजे वह घर जा रहा था। जब वह अगर-नगर चौक पहुंचा, वहां पहले से ही राजू अपने 3/6 दोस्तों के साथ खड़ा था। पहले राजू ने मुझे टक्कर मारी, विरोध किया तो राजू और उसके दोस्तों ने लात-घूसों से पीटा। तभी शोर शराबा सुनकर प्रतीक की मां आ गई, जिसने उसे बचाकर संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया और सूचना पुलिस को दी। पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए उसके घर पहुंची। घर का दरवाजा बाहर से बंद था। आवाज देने पर घर के अंदर दो महिला और एक लड़का था। पुलिस के कई बार कहने पर महिलाओं ने दरवाजा नहीं खोला। पुलिस ने स्टाफ की मदद से दरवाजा खोलने की कोशिश की तो महिलाओं व लड़के ने छत से ईंट व पत्थर मारना शुरु कर दिया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

प्रेम नगर इलाके में दबंगों ने एक सिविल इंजीनियर को टक्कर मार दी। विरोध करने पर मारपीट कर उसे गंभीर रुप से घायल कर दिया। घटना की सूचना पर पुलिस जब आरोपी को पकड़ने उसके घर पहुंची तो दो महिलाओं और लड़के ने ईंट-पत्थरों से हमला कर दिया। इसमें एसआई समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने दोनों महिलाओं समेत तीन को पकड़ा लिया। जानकारी के मुताबिक पीड़ित की पहचान प्रतीक पांडे के रुप में हुई है। वह परिवार के साथ प्रेम नगर-3, अगर-नगर, किराड़ी में रहता है।

प्रतीक अंबुजा सिमेंट प्लांट में बतौर सिविल इंजीनियर तैनात है। प्रतीक ने पुलिस को बताया कि वह राखी पर घर आया हुआ था। 5 अगस्त को रात 10 बजे वह घर जा रहा था। जब वह अगर-नगर चौक पहुंचा, वहां पहले से ही राजू अपने 3/6 दोस्तों के साथ खड़ा था। पहले राजू ने मुझे टक्कर मारी, विरोध किया तो राजू और उसके दोस्तों ने लात-घूसों से पीटा। तभी शोर शराबा सुनकर प्रतीक की मां आ गई, जिसने उसे बचाकर संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया और सूचना पुलिस को दी।

पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए उसके घर पहुंची। घर का दरवाजा बाहर से बंद था। आवाज देने पर घर के अंदर दो महिला और एक लड़का था। पुलिस के कई बार कहने पर महिलाओं ने दरवाजा नहीं खोला। पुलिस ने स्टाफ की मदद से दरवाजा खोलने की कोशिश की तो महिलाओं व लड़के ने छत से ईंट व पत्थर मारना शुरु कर दिया।



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