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ऑनलाइन शिक्षा में पेरेंट्स की बड़ी भूमिका है जिन्होंने घर को स्कूल बना दिया : सिसोदिया कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन शिक्षा में पेरेंट्स की बड़ी भूमिका है, जिन्होंने घर को ही स्कूल बना दिया। उन्होंने कहा कि कितनी भी मुश्किल क्यों न हो, हम अपने बच्चों को जरूर पढ़ाएंगे। यह कहना है दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का। उपमुख्यमंत्री ने गुरुवार को स्कूलों में सेमी-ऑनलाइन शिक्षा की समीक्षा की और शिक्षकों अभिभावकों से फीडबैक भी लिया। इस दौरान सिसोदिया ने एसकेवी, शंकर नगर में शिक्षकों और अभिभावकों के साथ संवाद किया। सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में जारी सेमी ऑनलाइन शिक्षा की समीक्षा करते हुए इसे बेहतर करने के सुझाव मांगे। संवाद में अधिकांश पेरेंट्स में ऑनलाइन शिक्षा को काफी उपयोगी बताते हुए कहा कि शिक्षकों ने बच्चों का अच्छा मार्गदर्शन किया। जिस पर सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने इस बार 98 प्रतिशत रिजल्ट ला कर इतिहास कायम किया है। पांच साल पहले जब 88 प्रतिशत रिजल्ट आया था, तब हमने 90 प्रतिशत का टारगेट रखा था। आज रिजल्ट 98 प्रतिशत पहुंच गया। लेकिन हम इससे आत्ममुग्ध न हों, बल्कि और आगे बढऩे की सोचें। उन्होंने कहा कि कुछ अच्छा होने पर हम खुश हों, लेकिन हमेशा आगे की तरफ सोचना चाहिए। जब हम कार चलाते हैं, तो आगे की तरफ देखने का शीशा बड़ा होता है, पीछे का छोटा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन शिक्षा में पेरेंट्स की बड़ी भूमिका है, जिन्होंने घर को ही स्कूल बना दिया। उन्होंने कहा कि कितनी भी मुश्किल क्यों न हो, हम अपने बच्चों को जरूर पढ़ाएंगे। यह कहना है दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का। उपमुख्यमंत्री ने गुरुवार को स्कूलों में सेमी-ऑनलाइन शिक्षा की समीक्षा की और शिक्षकों अभिभावकों से फीडबैक भी लिया। इस दौरान सिसोदिया ने एसकेवी, शंकर नगर में शिक्षकों और अभिभावकों के साथ संवाद किया।

सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में जारी सेमी ऑनलाइन शिक्षा की समीक्षा करते हुए इसे बेहतर करने के सुझाव मांगे। संवाद में अधिकांश पेरेंट्स में ऑनलाइन शिक्षा को काफी उपयोगी बताते हुए कहा कि शिक्षकों ने बच्चों का अच्छा मार्गदर्शन किया। जिस पर सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने इस बार 98 प्रतिशत रिजल्ट ला कर इतिहास कायम किया है।

पांच साल पहले जब 88 प्रतिशत रिजल्ट आया था, तब हमने 90 प्रतिशत का टारगेट रखा था। आज रिजल्ट 98 प्रतिशत पहुंच गया। लेकिन हम इससे आत्ममुग्ध न हों, बल्कि और आगे बढऩे की सोचें। उन्होंने कहा कि कुछ अच्छा होने पर हम खुश हों, लेकिन हमेशा आगे की तरफ सोचना चाहिए। जब हम कार चलाते हैं, तो आगे की तरफ देखने का शीशा बड़ा होता है, पीछे का छोटा।



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