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झूठी अफवाह व सांप्रदायिक तनाव जैसे मैसेज पर पुलिस की नजर, पकड़े गए तो होगी 3 साल की जेल तेजी से फैलते सोशल मीडिया के क्षेत्र और उस पर पराेसी जा रही अनर्गल सामग्री को लेकर अब पुलिस ने इसकी नियमित निगरानी शुरू कर दी है। पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर झूठी अफवाह व सांप्रदायिक तनाव जैसे मैसेज भेजने पर ग्रुप एडमिन समेत अन्य सदस्यों के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। इस केस के तहत ऐसे कार्य करने वाले को तीन साल तक जेल की हवा खानी पड़ सकती है। नवनियुक्त पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने साइबर सेल को इस बारे में निर्देश जारी किए हैं। साथ ही फरीदाबाद की सोशल साइटों पर बारीकी से नजर रखने का आदेश भी दिया है। कमिश्नर ने कहा यदि कोई वाट्सएप ग्रुप, फेसबुक, ट्वीटर समेत अथवा अन्य किसी सोशल साइट पर झूठी खबर, नफरत फैलाने वाले ऑडियो-वीडियो वायरल करने अथवा अफवाह फैलाता है तो उसकी पहचान कर तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाए।पुलिस कमिश्नर ने इस बारे में सभी पुलिस अधिकारियों, थाना, चौकी और क्राइम ब्रांचों को निर्देश जारी कर इन पर निगरानी करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कोरोना काल में कई जिलों से ऐसी शिकायतें मिली हैं कि वहां सोशल साइटों पर कोरोना को लेकर गलत सूचनाएं और खबरें प्रसारित की जा रही हैं। इससे समाज में कोरोना को लेकर डर पैदा हाे रहा है। शांति व्यवस्था को भंग करने में भूमिका निभाते हैं ऐसे मैसेज पुलिस कमिश्नर ने कहा कि अक्सर देखने में आता है कि व्हाट्सएप ग्रुप पर लोग गलत संदेश चलाते हैं! जो झूठे होते हैं। इससे शांति व्यवस्था भंग होने और कानून व्यवस्था प्रभावित होने का खतरा बना रहता है। ये जिम्मेदारी ग्रुप के एडमिन की होती है। उन्होंने कहा व्हाट्सएप ग्रुपों से प्राप्त फर्जी न्यूज एवं अभद्र भाषा आईटी एक्ट का उल्लंघन है। कोई भी खबर ग्रुप पर शेयर करने से पहले यह सत्यापित करें कि वह सही है या नहीं। अगर आपत्तिजनक कोई भी पोस्ट प्राप्त होती है तो उसी समय पोस्ट को डिलीट कर दें। साइबर सेल अथवा नजदीकी पुलिस स्टेशन को दें सूचना पुलिस कमिश्नर ने कहा यदि किसी को वाट्सएप ग्रुप फेसबुक अथवा ट्वीटर पर किसी भी तरह की गलत सूचना, झूठी खबर प्राप्त होती है तो इसकी सूचना www.cybercrime.gov.in पर या अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन को दें। किसी भी तरह की हिंसक, पॉर्नोग्राफिक, जाति और धर्म भेदभाव से संबंधित खबरों को शेयर करना कानूनन अपराध है। इसलिए ग्रुप एडमिन को सलाह दी जाती है यदि ग्रुप कंट्रोल नहीं किया जा रहा है तो ग्रुप एडमिन ग्रुप की सेटिंग बदले जिसमें सिर्फ एडमिन को ही पोस्ट डालने का अधिकार हो। अगर कोई ग्रुप मेंबर आपत्तिजनक सामग्री को सांझा करता है तो इस बारे में पुलिस को सूचित करें। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today फरीदाबाद. शहर की कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करते पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह।

तेजी से फैलते सोशल मीडिया के क्षेत्र और उस पर पराेसी जा रही अनर्गल सामग्री को लेकर अब पुलिस ने इसकी नियमित निगरानी शुरू कर दी है। पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर झूठी अफवाह व सांप्रदायिक तनाव जैसे मैसेज भेजने पर ग्रुप एडमिन समेत अन्य सदस्यों के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। इस केस के तहत ऐसे कार्य करने वाले को तीन साल तक जेल की हवा खानी पड़ सकती है। नवनियुक्त पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने साइबर सेल को इस बारे में निर्देश जारी किए हैं। साथ ही फरीदाबाद की सोशल साइटों पर बारीकी से नजर रखने का आदेश भी दिया है।

कमिश्नर ने कहा यदि कोई वाट्सएप ग्रुप, फेसबुक, ट्वीटर समेत अथवा अन्य किसी सोशल साइट पर झूठी खबर, नफरत फैलाने वाले ऑडियो-वीडियो वायरल करने अथवा अफवाह फैलाता है तो उसकी पहचान कर तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाए।पुलिस कमिश्नर ने इस बारे में सभी पुलिस अधिकारियों, थाना, चौकी और क्राइम ब्रांचों को निर्देश जारी कर इन पर निगरानी करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कोरोना काल में कई जिलों से ऐसी शिकायतें मिली हैं कि वहां सोशल साइटों पर कोरोना को लेकर गलत सूचनाएं और खबरें प्रसारित की जा रही हैं। इससे समाज में कोरोना को लेकर डर पैदा हाे रहा है।

शांति व्यवस्था को भंग करने में भूमिका निभाते हैं ऐसे मैसेज
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि अक्सर देखने में आता है कि व्हाट्सएप ग्रुप पर लोग गलत संदेश चलाते हैं! जो झूठे होते हैं। इससे शांति व्यवस्था भंग होने और कानून व्यवस्था प्रभावित होने का खतरा बना रहता है। ये जिम्मेदारी ग्रुप के एडमिन की होती है। उन्होंने कहा व्हाट्सएप ग्रुपों से प्राप्त फर्जी न्यूज एवं अभद्र भाषा आईटी एक्ट का उल्लंघन है। कोई भी खबर ग्रुप पर शेयर करने से पहले यह सत्यापित करें कि वह सही है या नहीं। अगर आपत्तिजनक कोई भी पोस्ट प्राप्त होती है तो उसी समय पोस्ट को डिलीट कर दें।

साइबर सेल अथवा नजदीकी पुलिस स्टेशन को दें सूचना
पुलिस कमिश्नर ने कहा यदि किसी को वाट्सएप ग्रुप फेसबुक अथवा ट्वीटर पर किसी भी तरह की गलत सूचना, झूठी खबर प्राप्त होती है तो इसकी सूचना www.cybercrime.gov.in पर या अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन को दें। किसी भी तरह की हिंसक, पॉर्नोग्राफिक, जाति और धर्म भेदभाव से संबंधित खबरों को शेयर करना कानूनन अपराध है। इसलिए ग्रुप एडमिन को सलाह दी जाती है यदि ग्रुप कंट्रोल नहीं किया जा रहा है तो ग्रुप एडमिन ग्रुप की सेटिंग बदले जिसमें सिर्फ एडमिन को ही पोस्ट डालने का अधिकार हो। अगर कोई ग्रुप मेंबर आपत्तिजनक सामग्री को सांझा करता है तो इस बारे में पुलिस को सूचित करें।



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फरीदाबाद. शहर की कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करते पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह।


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