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कोरोना से 2 मौत, 24 घंटे में नए केस से दोगुना मरीज ठीक होकर घर पहुंचे फरीदाबाद| कोरोना से दो और मरीजों की मौत हो गई। लेकिन राहत की बात यह है कि 24 घंटे में नए केस से दो गुना मरीज ठीक होकर अपने घर पहुंच गए। गुरुवार को 184 नए केस आए। अभी तक पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 8479 तक पहुंच गया। जबकि ठीक होने वालों का आंकड़ा 6915 तक पहुंच गया। गुरुवार को कुल 394 मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज किए गए। नोडल अधिकारी डॉ. रामभगत के अनुसार जिले में 70352 लोगों के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए। इनमें से 61458 की निगेटिव रिपोर्ट आई। जबकि 415 की रिपोर्ट आनी शेष है। अभी तक 8479 लोगों के सैंपल पॉजिटिव मिले हैं। इनमें से 293 लोगों को अस्पताल में दाखिल किया गया। जबकि 1141 पॉजिटिव मरीजों को घर पर आइसोलेट किया गया। हेल्थ विभाग के मुताबिक 43 मरीजों की हालत गंभीर है। जबकि 2 को आईसीयू में रखा गया है। डबुआ कॉलोनी निवासी 68 वर्षीय पुरुष और बल्लभगढ़ निवासी 54 वर्षीय पुरुष की मौत हुई है। फाइल फैक्ट फरीदाबाद में कोरोना: कुल 70352 सैंपल निगेटिव-61458 पॉजिटिव-8479 रिपोर्ट पेंडिंग-415 ठीक हुए-6915 अस्पताल में आइसोलेट-293 घर में आइसोलेट 1141 कोरोना से मौत-130 वन विभाग ने अरावली को हराभरा बनाने के लिए ड्रोन से बीजों का छिड़काव किया वन विभाग ने ड्रोन का प्रयोग करते हुए बड़खल क्षेत्र में 5 हेक्टेयर एरियल सीडिंग द्वारा पौधरोपण करने का नया प्रयोग किया गया। इसका शुभारंभ प्रधान मुख्य वन संरक्षक डा. अमरिन्द्र कौर ने किया। अरावली पहाड़ी क्षेत्र में ऐसे बहुत से दुर्गम क्षेत्र हैं, जहां आसानी से पहुंच पाना संभव नहीं है। इन स्थानों पर मिट्टी तथा पानी की पर्याप्त उपलब्धता नहीं है। इस कार्य हेतु विशेष रूप से डिजाइन किए गए ड्रोन का प्रयोग कर अरावली की पहाड़ियों के अनुकूल स्थानीय प्रजातियों का पौधरोपण करने की योजना को अंजाम दिया गया। यह पूर्णत: ईको-फ्रेंडली तकनीक है। इसमें न्यूनतम मशीनरी का प्रयोग कर अधिक से अधिक क्षेत्र को हरा-भरा किया जा सकता है। एरियल सीडिंग के माध्यम से पौधरोपण करने के लिए स्थानीय प्रजातियों जैसे खैरी, रोंज, बेरी, जंगल जलेबी, इन्द्रजो आदि प्रजातियों के बीज तथा मिट्टी, खाद, जले हुए कोयले की राख आदि के मिश्रण से सीड बॉल्स तैयार की गई। ड्रोन तकनीक का प्रयोग कर इन सीड बॉल्स का अरावली की पहाड़ियों पर ड्रोन के माध्यम से छिड़काव किया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

फरीदाबाद| कोरोना से दो और मरीजों की मौत हो गई। लेकिन राहत की बात यह है कि 24 घंटे में नए केस से दो गुना मरीज ठीक होकर अपने घर पहुंच गए। गुरुवार को 184 नए केस आए। अभी तक पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 8479 तक पहुंच गया। जबकि ठीक होने वालों का आंकड़ा 6915 तक पहुंच गया। गुरुवार को कुल 394 मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज किए गए।

नोडल अधिकारी डॉ. रामभगत के अनुसार जिले में 70352 लोगों के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए। इनमें से 61458 की निगेटिव रिपोर्ट आई।

जबकि 415 की रिपोर्ट आनी शेष है। अभी तक 8479 लोगों के सैंपल पॉजिटिव मिले हैं। इनमें से 293 लोगों को अस्पताल में दाखिल किया गया। जबकि 1141 पॉजिटिव मरीजों को घर पर आइसोलेट किया गया। हेल्थ विभाग के मुताबिक 43 मरीजों की हालत गंभीर है। जबकि 2 को आईसीयू में रखा गया है। डबुआ कॉलोनी निवासी 68 वर्षीय पुरुष और बल्लभगढ़ निवासी 54 वर्षीय पुरुष की मौत हुई है।

फाइल फैक्ट

  • फरीदाबाद में कोरोना: कुल 70352 सैंपल
  • निगेटिव-61458
  • पॉजिटिव-8479
  • रिपोर्ट पेंडिंग-415
  • ठीक हुए-6915
  • अस्पताल में आइसोलेट-293
  • घर में आइसोलेट 1141
  • कोरोना से मौत-130

वन विभाग ने अरावली को हराभरा बनाने के लिए ड्रोन से बीजों का छिड़काव किया

वन विभाग ने ड्रोन का प्रयोग करते हुए बड़खल क्षेत्र में 5 हेक्टेयर एरियल सीडिंग द्वारा पौधरोपण करने का नया प्रयोग किया गया। इसका शुभारंभ प्रधान मुख्य वन संरक्षक डा. अमरिन्द्र कौर ने किया। अरावली पहाड़ी क्षेत्र में ऐसे बहुत से दुर्गम क्षेत्र हैं, जहां आसानी से पहुंच पाना संभव नहीं है। इन स्थानों पर मिट्टी तथा पानी की पर्याप्त उपलब्धता नहीं है। इस कार्य हेतु विशेष रूप से डिजाइन किए गए ड्रोन का प्रयोग कर अरावली की पहाड़ियों के अनुकूल स्थानीय प्रजातियों का पौधरोपण करने की योजना को अंजाम दिया गया। यह पूर्णत: ईको-फ्रेंडली तकनीक है। इसमें न्यूनतम मशीनरी का प्रयोग कर अधिक से अधिक क्षेत्र को हरा-भरा किया जा सकता है। एरियल सीडिंग के माध्यम से पौधरोपण करने के लिए स्थानीय प्रजातियों जैसे खैरी, रोंज, बेरी, जंगल जलेबी, इन्द्रजो आदि प्रजातियों के बीज तथा मिट्टी, खाद, जले हुए कोयले की राख आदि के मिश्रण से सीड बॉल्स तैयार की गई। ड्रोन तकनीक का प्रयोग कर इन सीड बॉल्स का अरावली की पहाड़ियों पर ड्रोन के माध्यम से छिड़काव किया गया।



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