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दिल्ली हुई जलमग्न, राजधानी में लगातार दो घंटे जमकर बरसे बदरा दिल्ली में रविवार सुबह हुई दो घंटे की बारिश ने जहां लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा, वहीं इस बारिश ने दिल्ली के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल कर रख दी। तेज बारिश के कारण दिल्ली के करीब 2 दर्जन जगहों पर पानी भरने पर जल भराव हुआ। वहीं आईटीओ के पास नाले की मिटटी कटने से पानी के बहाव के साथ दर्जनों झुग्गियों पानी के बहाव में बह गई। इस संबंध में साउथ एमसीडी का कहना है कि आईटीओ रोड, जहां जल जमाव हुआ था, पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में है। इसके अलावा साउथ एमसीडी के तट पर अस्थायी शेड नाला नहीं। 12 को एनएचसीसी के ठेकेदार द्वारा, डब्ल्यूएचओ के भवन का निर्माण करके उपयोग किया जा रहा था। हालांकि स्थिति का जायजा लेने और समस्या के निवारण के लिए साउथ एमसीडी के आयुक्त, जोनल डीसी ने अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ घटनास्थल का दौरा किया गया एसडीएमसी ने पानी को बाहर निकालने के लिए मौके पर 18 टैंकरों, 1 सेक्शन कम जे-टिंग मशीन, 2 पंपों के साथ 3 सुपर सकर मशीनों को तैनात किया है। साथ ही इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारियों को भी मौके पर तैनात किया गया है। भाजपा नेता गलत बयानबाजी कर रहे वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और डीजेबी के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि मिंटो ब्रिज पर जलभराव की खुद मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री निगरानी की। इंजीनियर के संपर्क में रहे और पंपिंग मशीनें भेज ब्रिज का सारा पानी बाहर निकाल दिया। चड्ढा ने कहा कि मार्च-अप्रैल में जिस मुस्तैदी से अपने-अपने नालों की साफ-सफाई करनी थी। शायद वह नहीं हो पाई, लेकिन अब हमें मिलकर साफ सफाई करनी है। लेकिन भाजपा के नेता गलत बयानबाजी कर रहे है। उन्होंने कहा कि हम भी राजनीति कर सकते थे और हम भी राजनैतिक बयान दे सकते है। क्या यह सबको नहीं पता है कि मिंटो ब्रिज जहां पर हैं, वह एनडीएमसी का इलाका है? एनडीएमसी तो केंद्र सरकार के अधीन आता है। मैं यह भी कह सकता था कि दिल्ली के अंदर सारी स्टोन वाटर्स ड्रेन नगर निगम के अधीन आती है। उनसे दिल्ली सरकार का कोई लेना देना नहीं है। यह भी कह सकता था कि भारतीय जनता पार्टी की ऑफिस वहीं पर बन रहा है, उसकी वजह से ड्रेनेज सिस्टम ब्लॉक हो रहे हैं, जो सच्चाई है। लेकिन मैं राजनीति नहीं करना चाहता। आईटीओ के अन्ना नगर में पानी के बहाव में बह गई झुग्गियां आईटीओ के अन्ना नगर में झुग्गियों की जगह बनाए गए करीब दर्जन भर पक्के मकान बने हुए है। तेज बारिश और डब्ल्यूएचओ की बिल्डिंग में चल रहे निर्माण कार्य की वजह से अचानक नाले का बहाव काफी तेज हो गया। इसकी वजह नाले के किनारों की मिट्टी कट गई। नाले के किनारे बने मकान गहरे पानी में समा गए। गनीमत यह रही कि समय रहते लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल गए। लेकिन 2 बाइक, 1 कार व कुछ मवेशी पानी में बह गए। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यमुना में पानी बढ़ने की वजह से नाले के बैराज को बंद कर दिया गया था। जिसकी वजह से पानी बढ़ा और हादसा हुआ। अन्ना कालोनी में रहने वाले पंकज यादव ने बताया कि नाले का लेवल बढ़ने का कारण आगे से नाले का बंद होना था। पानी डब्ल्यूएचओ की पार्किंग के लिए बनाए गड्ढे में मुड़ गया। लोग फौरन इन मकानों से निकलकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे। पानी का बहाव अचानक तेज होने से बिल्कुल किनारे बने मकान नाले में समा गए। हादसे में रेखा, मोहन, विशाल, मनप्रीत, पाला, नंद किशोर, पप्पू, रामू, पूरन, धर्मेंद्र और अन्य लोगों के मकान नाले में गिर गए। इधर बुराड़ी में निर्माणाधीन कोविड अस्पताल के बाहर भरा पानी बुराड़ी में निर्माणाधीन कोविड अस्पताल के आसपास रविवार को पानी भर गया। दिल्ली सरकार जल्द ही इसे शुरू करने जा रही है। ऐसे में लोगों का कहना है कि गलती से कोविड रोगियों को यहां रखा तो उन्हें डेंगू जरूर हो जाएगा। जिस हॉस्पिटल को देखने के लिए सीएम व स्वास्थ्य मंत्री आते रहे हो। वहां ये हाल है। एम्स के हॉस्टलों में भरा पानी पानी निकासी की ठीक से व्यवस्था नहीं होने के कारण एम्स के कई हॉस्टलों के बाहर पानी भर गया। हॉस्टल में रह रहे रेजीडेंट डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने ड्रेनेज सिस्टम का काम ठीक से नहीं किया। ऐसे में हॉस्टल संख्या आठ, 16 और 17 के आसपास एक घंटे की बारिश में पानी भर गया। यह वक्त दोषारोपण का नहीं, मिलकर जिम्मेदारी निभाने का है राजधानी में जलभराव के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर सभी को मिलकर काम करने की बात कही। केजरीवाल ने कहा कि इस साल सभी एजेंसियां, चाहे वो दिल्ली सरकार की हो या एमसीडी की, कोरोना नियंत्रण में लगी हुई थी। ये वक्त एक दूसरे पर दोषारोपण का नहीं है। अरविंद केजरीवाल, सीएम, दिल्ली जल बोर्ड और लोक निर्माण विभाग के गैर जिम्मेदाराना रवैए से हादसा मिंटो ब्रिज की घटना दिल्ली सरकार के जल बोर्ड और लोक निर्माण विभाग की लापरवाही को उजागर करती है। बारिश के पानी के निकासी के लिए पीडब्ल्यूडी ने समय पर पंप चालू नहीं किया गया। अगर दिल्ली सरकार के जल बोर्ड और लोक निर्माण विभाग में पहले से ही सही कदम उठाए होते तो आज मिंटो ब्रिज पर मौत न हुई होती। आदेश गुप्ता, अध्यक्ष, दिल्ली भाजपा कुछ घंटों की बारिश में बिगड़े हालात ऐसे में दिल्ली का क्या होगा: तिवारी बारिश से दिल्ली की बिगड़े हालात पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने चिंता जताई। तिवारी ने सीएम से सवाल करते हुए पूछा कि अरविंद केजरीवाल जी पीडब्ल्यूडी ,सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के नाले क्या दिल्ली सरकार के नहीं है? क्यों हर वर्ष भरता है पानी और क्यों जाती है एक बेकसूर गरीब की जान दिल्ली में आपके कारण? मनोज तिवारी, सांसद,भाजपा Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Delhi was submerged, raining for two consecutive hours in the capital

दिल्ली में रविवार सुबह हुई दो घंटे की बारिश ने जहां लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा, वहीं इस बारिश ने दिल्ली के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल कर रख दी। तेज बारिश के कारण दिल्ली के करीब 2 दर्जन जगहों पर पानी भरने पर जल भराव हुआ। वहीं आईटीओ के पास नाले की मिटटी कटने से पानी के बहाव के साथ दर्जनों झुग्गियों पानी के बहाव में बह गई।

इस संबंध में साउथ एमसीडी का कहना है कि आईटीओ रोड, जहां जल जमाव हुआ था, पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में है। इसके अलावा साउथ एमसीडी के तट पर अस्थायी शेड नाला नहीं। 12 को एनएचसीसी के ठेकेदार द्वारा, डब्ल्यूएचओ के भवन का निर्माण करके उपयोग किया जा रहा था। हालांकि स्थिति का जायजा लेने और समस्या के निवारण के लिए साउथ एमसीडी के आयुक्त, जोनल डीसी ने अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ घटनास्थल का दौरा किया गया

एसडीएमसी ने पानी को बाहर निकालने के लिए मौके पर 18 टैंकरों, 1 सेक्शन कम जे-टिंग मशीन, 2 पंपों के साथ 3 सुपर सकर मशीनों को तैनात किया है। साथ ही इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारियों को भी मौके पर तैनात किया गया है।
भाजपा नेता गलत बयानबाजी कर रहे

वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और डीजेबी के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि मिंटो ब्रिज पर जलभराव की खुद मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री निगरानी की। इंजीनियर के संपर्क में रहे और पंपिंग मशीनें भेज ब्रिज का सारा पानी बाहर निकाल दिया। चड्ढा ने कहा कि मार्च-अप्रैल में जिस मुस्तैदी से अपने-अपने नालों की साफ-सफाई करनी थी। शायद वह नहीं हो पाई, लेकिन अब हमें मिलकर साफ सफाई करनी है।

लेकिन भाजपा के नेता गलत बयानबाजी कर रहे है। उन्होंने कहा कि हम भी राजनीति कर सकते थे और हम भी राजनैतिक बयान दे सकते है। क्या यह सबको नहीं पता है कि मिंटो ब्रिज जहां पर हैं, वह एनडीएमसी का इलाका है? एनडीएमसी तो केंद्र सरकार के अधीन आता है। मैं यह भी कह सकता था कि दिल्ली के अंदर सारी स्टोन वाटर्स ड्रेन नगर निगम के अधीन आती है। उनसे दिल्ली सरकार का कोई लेना देना नहीं है। यह भी कह सकता था कि भारतीय जनता पार्टी की ऑफिस वहीं पर बन रहा है, उसकी वजह से ड्रेनेज सिस्टम ब्लॉक हो रहे हैं, जो सच्चाई है। लेकिन मैं राजनीति नहीं करना चाहता।

आईटीओ के अन्ना नगर में पानी के बहाव में बह गई झुग्गियां

आईटीओ के अन्ना नगर में झुग्गियों की जगह बनाए गए करीब दर्जन भर पक्के मकान बने हुए है। तेज बारिश और डब्ल्यूएचओ की बिल्डिंग में चल रहे निर्माण कार्य की वजह से अचानक नाले का बहाव काफी तेज हो गया। इसकी वजह नाले के किनारों की मिट्टी कट गई। नाले के किनारे बने मकान गहरे पानी में समा गए। गनीमत यह रही कि समय रहते लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल गए। लेकिन 2 बाइक, 1 कार व कुछ मवेशी पानी में बह गए। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यमुना में पानी बढ़ने की वजह से नाले के बैराज को बंद कर दिया गया था।

जिसकी वजह से पानी बढ़ा और हादसा हुआ। अन्ना कालोनी में रहने वाले पंकज यादव ने बताया कि नाले का लेवल बढ़ने का कारण आगे से नाले का बंद होना था। पानी डब्ल्यूएचओ की पार्किंग के लिए बनाए गड्ढे में मुड़ गया। लोग फौरन इन मकानों से निकलकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे। पानी का बहाव अचानक तेज होने से बिल्कुल किनारे बने मकान नाले में समा गए। हादसे में रेखा, मोहन, विशाल, मनप्रीत, पाला, नंद किशोर, पप्पू, रामू, पूरन, धर्मेंद्र और अन्य लोगों के मकान नाले में गिर गए।

इधर बुराड़ी में निर्माणाधीन कोविड अस्पताल के बाहर भरा पानी

बुराड़ी में निर्माणाधीन कोविड अस्पताल के आसपास रविवार को पानी भर गया। दिल्ली सरकार जल्द ही इसे शुरू करने जा रही है। ऐसे में लोगों का कहना है कि गलती से कोविड रोगियों को यहां रखा तो उन्हें डेंगू जरूर हो जाएगा। जिस हॉस्पिटल को देखने के लिए सीएम व स्वास्थ्य मंत्री आते रहे हो। वहां ये हाल है।

एम्स के हॉस्टलों में भरा पानी

पानी निकासी की ठीक से व्यवस्था नहीं होने के कारण एम्स के कई हॉस्टलों के बाहर पानी भर गया। हॉस्टल में रह रहे रेजीडेंट डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने ड्रेनेज सिस्टम का काम ठीक से नहीं किया। ऐसे में हॉस्टल संख्या आठ, 16 और 17 के आसपास एक घंटे की बारिश में पानी भर गया।

यह वक्त दोषारोपण का नहीं, मिलकर जिम्मेदारी निभाने का है

राजधानी में जलभराव के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर सभी को मिलकर काम करने की बात कही। केजरीवाल ने कहा कि इस साल सभी एजेंसियां, चाहे वो दिल्ली सरकार की हो या एमसीडी की, कोरोना नियंत्रण में लगी हुई थी। ये वक्त एक दूसरे पर दोषारोपण का नहीं है।
अरविंद केजरीवाल, सीएम, दिल्ली

जल बोर्ड और लोक निर्माण विभाग के गैर जिम्मेदाराना रवैए से हादसा

मिंटो ब्रिज की घटना दिल्ली सरकार के जल बोर्ड और लोक निर्माण विभाग की लापरवाही को उजागर करती है। बारिश के पानी के निकासी के लिए पीडब्ल्यूडी ने समय पर पंप चालू नहीं किया गया। अगर दिल्ली सरकार के जल बोर्ड और लोक निर्माण विभाग में पहले से ही सही कदम उठाए होते तो आज मिंटो ब्रिज पर मौत न हुई होती।
आदेश गुप्ता, अध्यक्ष, दिल्ली भाजपा

कुछ घंटों की बारिश में बिगड़े हालात ऐसे में दिल्ली का क्या होगा: तिवारी

बारिश से दिल्ली की बिगड़े हालात पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने चिंता जताई। तिवारी ने सीएम से सवाल करते हुए पूछा कि अरविंद केजरीवाल जी पीडब्ल्यूडी ,सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के नाले क्या दिल्ली सरकार के नहीं है? क्यों हर वर्ष भरता है पानी और क्यों जाती है एक बेकसूर गरीब की जान दिल्ली में आपके कारण?
मनोज तिवारी, सांसद,भाजपा



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Delhi was submerged, raining for two consecutive hours in the capital


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