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रिटायर्ड वाइस प्रिसिंपल से एक लाख की ठगी का नौंवी पास आरोपी अरेस्ट साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक के साइबर सेल ने एक जालसाज को गिरफ्तार किया है, जिसने एक बुजुर्ग को एक लाख पांच हजार रुपए की चपत लगाई थी। उसने बुजुर्ग के सामने खुद को पेटीएम का एग्जीक्यूटिव ऑफिसर बताकर जाल में फंसाया था। आरोपी की पहचान सूरत, गुजरात निवासी अब्दुर रहमान है। अभी तक की जांच में पुलिस को उसका कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है। फिलहाल पुलिस उसके साथ को तलाश रही है। डीसीपी आरपी मीणा ने बताया पिछले साल 14 नवंबर को एक स्कूल से वाइस प्रिंसिपल पद से रिटायर 70 वर्षीय सिद्दिकी ने खुद के साथ धोखाधडी की शिकायत दी थी। यह मामला जामिया नगर थाने में दर्ज किया गया। पीड़ित ने पुलिस को बताया आरोपी ने उन्हें पेटीएम केवाईसी के नाम पर क्विक सपोर्ट एप्लिकेशन डाउनलोड करने की बात कहीं थी। उन्होंने अपना कार्ड व सीवीवी नंबर उक्त शख्स से शेयर किया था। इसके बाद उनके पेंशन अकाउंट से एक लाख रुपये कट गये। पुलिस ने आरोपी को सूरत से गिरफ्तार किया है। आरोपी महज नौंवी पास है। आरोपी ने पुलिस को बताया उसके पास कोई नौकरी नहीं थी। दो साल पहले वह ताहिर के संपर्क में आया और फिर ऑनलाइन फ्रॉड करने लगा। उसका साथी भी सूरत का रहने वाला है। ठगी के धंधे में इन दोनों की बराबर की हिस्सेदारी था। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक के साइबर सेल ने एक जालसाज को गिरफ्तार किया है, जिसने एक बुजुर्ग को एक लाख पांच हजार रुपए की चपत लगाई थी। उसने बुजुर्ग के सामने खुद को पेटीएम का एग्जीक्यूटिव ऑफिसर बताकर जाल में फंसाया था। आरोपी की पहचान सूरत, गुजरात निवासी अब्दुर रहमान है। अभी तक की जांच में पुलिस को उसका कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है। फिलहाल पुलिस उसके साथ को तलाश रही है। डीसीपी आरपी मीणा ने बताया पिछले साल 14 नवंबर को एक स्कूल से वाइस प्रिंसिपल पद से रिटायर 70 वर्षीय सिद्दिकी ने खुद के साथ धोखाधडी की शिकायत दी थी। यह मामला जामिया नगर थाने में दर्ज किया गया।

पीड़ित ने पुलिस को बताया आरोपी ने उन्हें पेटीएम केवाईसी के नाम पर क्विक सपोर्ट एप्लिकेशन डाउनलोड करने की बात कहीं थी। उन्होंने अपना कार्ड व सीवीवी नंबर उक्त शख्स से शेयर किया था। इसके बाद उनके पेंशन अकाउंट से एक लाख रुपये कट गये। पुलिस ने आरोपी को सूरत से गिरफ्तार किया है। आरोपी महज नौंवी पास है। आरोपी ने पुलिस को बताया उसके पास कोई नौकरी नहीं थी। दो साल पहले वह ताहिर के संपर्क में आया और फिर ऑनलाइन फ्रॉड करने लगा। उसका साथी भी सूरत का रहने वाला है। ठगी के धंधे में इन दोनों की बराबर की हिस्सेदारी था।



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