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फरीदाबाद-गुड़गांव मेट्रो की तैयार हुई डीपीआर, लेकिन विरोध के कारण इसमें होगा बदलाव शहरवासियों को फरीदाबाद से गुड़गांव तक मेट्रो से सफर करने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि एनआईटी क्षेत्र से कांग्रेसी विधायक व अन्य संगठनों के विरोध के कारण सरकार ने अब इसके फाइनल रूट में बदलाव करने का निर्णय लिया है। जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए परिवहन एवं खनन मंत्री ने भी रूट बदलाव करने पर सहमति जताई है। क्योंकि फाइनल रूट में एनआईटी क्षेत्र इसमें नहीं जुड़ा है। अब सरकार ने फाइनल रूट का दोबारा सर्वे कर 10 अगस्त तक रिपोर्ट देने के लिए कहा है। ऐसे में अब यह प्रोजेक्ट और लेट हो जाएगा। क्योंकि वर्ष 2014 में इस प्रोजेक्ट की घोषणा की गई थी। चार साल बाद 2018 में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। दो साल बाद 2020 में फाइनल डीपीआर बनकर तैयार हुई। लेकिन अब इसका विरोध शुरू हो गया। ऐसे में मार्च 2021 तक मेट्रो रेल सेवा शूरू नहीं हो पाएगी। यह है पूरा मेट्रो प्रोजेक्ट फरीदाबाद-गुड़गांव मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर केंद्र एवं राज्य सरकार करीब 5900 करोड़ रुपए खर्च करेगी। दिसंबर 2018 में दिल्ली मेट्रो रेल काॅरपोरेशन ने टेक्नो फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कर इसकी मंजूरी दी थी। ये मेट्रो रेल बाटा चौक से सेक्टर 45 गुड़गांव से जुड़ेगी। मार्च 2021 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन डीपीआर फाइनल होने में देरी और फिर अब विरोध होने के कारण प्रोजेक्ट पूरा होने में विलंब होगा। शहरी विकास मंत्रालय द्वारा तैयार की गई फिजिबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार रेलवे ट्रैक की कुल दूरी 30.38 किलोमीटर होगी। पूरा रूट एलिवेटेड होगा। बाटा चौक से गुड़गांव के सेक्टर-45 तक कुल छह स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें बाटा चौक से पहला स्टेशन बड़खल एंक्लेव, पाली स्टोन क्रेशर जोन, भाटी माइंस, मांडी, सुशांत लोक सेक्टर 54 गुड़गांव और सेक्टर 45 गुड़गांव है। इस प्रोजेक्ट में स्पीड लिमिट 110 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी। लेकिन 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाई जा सकती है। मेट्रो काॅरपोरेशन के मुताबिक शेड्यूल लिमिट 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रखी गई है। सरकार ने दोबारा से सर्वे का आदेश जारी किया हाल ही में डीएमआरसी ने डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को फाइनल कर दिया। इसकी जानकारी मिलते ही एनआईटी के कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। उनका तर्क है कि एनआईटी विधानसभा क्षेत्र में एक बड़ी आबादी रहती है। ऐसे में मेट्रो रूट को प्याली चौक से ले जाया जाए। जिससे बल्लभगढ़, बड़खल समेत एनआईटी क्षेत्र के लोगों को भी इसका लाभ मिल सके। विधायक ने विधानसभा में भी इसका विरोध किया और सरकार से रूट में बदलाव कर प्लायी चौक रूट को जोड़ने की मांग की। इस विरोध के साथ ही एनआईटी क्षेत्र के कई सामाजिक व व्यापारिक संगठनों ने भी विरोध करना शुरू कर दिया। विधायक ने इस मामले को परिवहन एवं खनन मंत्री मूलचंद शर्मा के सामने भी रखा। साथ ही प्याली चौक पर मेट्रो स्टेशन बनाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी मुलाकात की। सरकार ने दोबारा से सर्वे का आदेश जारी किया है। 10 अगस्त तक इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। प्रॉजेक्ट की डेडलाइन 3 साल केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने दिसंबर 2018 में घोषणा की थी कि इस प्रोजेक्ट की डेडलाइन 31 मार्च 2021 है। एक अप्रैल 2021 रेवेन्यू ओपनिंग डेट होगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक पहाड़ी वाले रूट से प्रतिदिन करीब 1.50 लाख लोग गुजरते हैं। 2021 तक यह संख्या 1.72 लाख हो सकती है। ऐसे में इस रूट से मेट्रो को फायदा होगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today फाइल फोटो।

शहरवासियों को फरीदाबाद से गुड़गांव तक मेट्रो से सफर करने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि एनआईटी क्षेत्र से कांग्रेसी विधायक व अन्य संगठनों के विरोध के कारण सरकार ने अब इसके फाइनल रूट में बदलाव करने का निर्णय लिया है। जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए परिवहन एवं खनन मंत्री ने भी रूट बदलाव करने पर सहमति जताई है। क्योंकि फाइनल रूट में एनआईटी क्षेत्र इसमें नहीं जुड़ा है। अब सरकार ने फाइनल रूट का दोबारा सर्वे कर 10 अगस्त तक रिपोर्ट देने के लिए कहा है। ऐसे में अब यह प्रोजेक्ट और लेट हो जाएगा। क्योंकि वर्ष 2014 में इस प्रोजेक्ट की घोषणा की गई थी। चार साल बाद 2018 में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। दो साल बाद 2020 में फाइनल डीपीआर बनकर तैयार हुई। लेकिन अब इसका विरोध शुरू हो गया। ऐसे में मार्च 2021 तक मेट्रो रेल सेवा शूरू नहीं हो पाएगी।

यह है पूरा मेट्रो प्रोजेक्ट
फरीदाबाद-गुड़गांव मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर केंद्र एवं राज्य सरकार करीब 5900 करोड़ रुपए खर्च करेगी। दिसंबर 2018 में दिल्ली मेट्रो रेल काॅरपोरेशन ने टेक्नो फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कर इसकी मंजूरी दी थी। ये मेट्रो रेल बाटा चौक से सेक्टर 45 गुड़गांव से जुड़ेगी। मार्च 2021 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन डीपीआर फाइनल होने में देरी और फिर अब विरोध होने के कारण प्रोजेक्ट पूरा होने में विलंब होगा। शहरी विकास मंत्रालय द्वारा तैयार की गई फिजिबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार रेलवे ट्रैक की कुल दूरी 30.38 किलोमीटर होगी। पूरा रूट एलिवेटेड होगा। बाटा चौक से गुड़गांव के सेक्टर-45 तक कुल छह स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें बाटा चौक से पहला स्टेशन बड़खल एंक्लेव, पाली स्टोन क्रेशर जोन, भाटी माइंस, मांडी, सुशांत लोक सेक्टर 54 गुड़गांव और सेक्टर 45 गुड़गांव है। इस प्रोजेक्ट में स्पीड लिमिट 110 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी। लेकिन 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाई जा सकती है। मेट्रो काॅरपोरेशन के मुताबिक शेड्यूल लिमिट 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रखी गई है।

सरकार ने दोबारा से सर्वे का आदेश जारी किया

हाल ही में डीएमआरसी ने डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को फाइनल कर दिया। इसकी जानकारी मिलते ही एनआईटी के कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। उनका तर्क है कि एनआईटी विधानसभा क्षेत्र में एक बड़ी आबादी रहती है। ऐसे में मेट्रो रूट को प्याली चौक से ले जाया जाए। जिससे बल्लभगढ़, बड़खल समेत एनआईटी क्षेत्र के लोगों को भी इसका लाभ मिल सके। विधायक ने विधानसभा में भी इसका विरोध किया और सरकार से रूट में बदलाव कर प्लायी चौक रूट को जोड़ने की मांग की। इस विरोध के साथ ही एनआईटी क्षेत्र के कई सामाजिक व व्यापारिक संगठनों ने भी विरोध करना शुरू कर दिया। विधायक ने इस मामले को परिवहन एवं खनन मंत्री मूलचंद शर्मा के सामने भी रखा। साथ ही प्याली चौक पर मेट्रो स्टेशन बनाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी मुलाकात की। सरकार ने दोबारा से सर्वे का आदेश जारी किया है। 10 अगस्त तक इसकी रिपोर्ट मांगी गई है।

प्रॉजेक्ट की डेडलाइन 3 साल

केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने दिसंबर 2018 में घोषणा की थी कि इस प्रोजेक्ट की डेडलाइन 31 मार्च 2021 है। एक अप्रैल 2021 रेवेन्यू ओपनिंग डेट होगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक पहाड़ी वाले रूट से प्रतिदिन करीब 1.50 लाख लोग गुजरते हैं। 2021 तक यह संख्या 1.72 लाख हो सकती है। ऐसे में इस रूट से मेट्रो को फायदा होगा।




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फाइल फोटो।


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