जिला में गुरुवार को आईजीजी एंटीबॉडिज को लेकर सीरो सर्विलांस सर्वे किया गया, जिसके तहत जिला में 90 लोगों के सैंपल आईजीजी एंटीबॉडिज टेस्ट के लिए एकत्रित किए गए। सिविल सर्जन डा. विरेन्द्र यादव ने बताया कि गुरुवार को एंटीबॉडिज टेस्ट के लिए सैंपल विशेषकर उन लोगों के लिए गए हैं जिनका कोरोना संक्रमित लोगों के साथ एक्सपोजर ज्यादा है अर्थात् ऐसे व्यक्ति जो ज्यादा लोगों के संपर्क में आते हैं, जिनमें कोरोना संक्रमित लोग भी हो सकते हैं।
उदाहरण के तौर पर अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत कर्मी, पुलिसकर्मी, टैक्सी ड्राइवर तथा नगर निगम के सफाई कर्मचारी। इस कड़ी में तिगरा गांव में तथा आस-पास कार्यरत लोगों के सैंपल लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को कोरोना का संक्रमण हो जाता है, उसके शरीर में उस बीमारी के खिलाफ एंटीबॉडिज विकसित हो जाती है।
इसके बनने के बाद व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। पिछले सर्वे में 50 व्यक्तियों में से 26 के शरीर में पाया गया था आईजीजी एंटीबॉडिज उन्होंने यह भी बताया कि जिला में सीरो सर्विलांस पहले भी करवाया जा चुका है, जिसके तहत 92 लोगों के सैंपल लिए गए थे। इनमें 50 वो व्यक्ति थे, जिन्हें कोरोना होकर रिकवर हो चुके थे।
उस समय सीरो सर्विलांस में पाया गया था कि इन 50 व्यक्तियों में से 26 लोगों के शरीर में आईजीजी एंटीबॉडिज विकसित हो चुकी है। इसी प्रकार, 42 व्यक्ति ऐसे थे जो कोरोना नेगेटिव थे, उनमें केवल 6 लोगों में आईजीजी एंटीबॉडिज बनी थी। इस प्रकार, 92 लोगों में से कुल 32 लोगों में आईजीजी एंटीबॉडिज बनी हुई पाई गई।
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